कानपुर। उन्नाव गैंगरेप कांड पर मैं पल-पल पर नजर रखे हुए हैं। गुरूवार की शाम मैं पीड़िता के घर मांखी जाऊंगी और उससे बात करूंगी। योगी सरकार महिलाओं के साथ है और यदि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने कोई भी गलत कार्य किया है तो उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। सीएम से हमारी बात हुई है और वह पूरी तरह से पीड़िता के परिवार के साथ हैं। एसआईटी की जांच रिपोर्ट सीएम के पास पहुंच गई है और जल्द पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई करेगी। साथ ही विधायक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। योगी राज में कोई भी कितने बड़े पद पर क्यों न बैठा हो, यदि वह गैरकानूनी कृत्य करेगा तो उसे सलाखों के पीछे जाना होगा। यह बात पत्रिका डॉट कॉम के साथ फोन के जरिए भाजपा नेता सोफिया अहमद ने कही।
सोफिया ने पुलिस-प्रशासन पर उठाए सवालउन्नाव गैंगरेप और मर्डर केस में देररात विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी की बात सामने निकल कर आई। लेकिन 24 घंटे से गायब विधायक गिरफ्तारी के बजाए मीडिया से मिलने के लिए अपने घर से बाहर आए। विधायक की गिरफ्तारी नहीं होने से जहां पीड़िता का परिवार गुस्से में है तो वहीं भाजपा के अंदर से कुछ नेता दबी जुबान योगी सरकार और प्रशासन के खिलाफ बोलने लगे हैं। भाजपा नेता सोफिया ने कहा कि सबसे कड़ी लापरवाही उन्नाव पुलिस-’प्रशासन की है, जिन्होंने पीड़िता की तहरीर पर एफआईआर दर्ज नहीं किया। अगर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच करती तो पूरे केस की सच्चाई सामने आ जाती। अगर विधायक कुलदीप दोषी होते तो उन्हें उन्नाव पुलिस को जेल भेजना चाहिए था, पर वह ऐसा नहीं कर सकी। सोफिया ने कहा कि आज मैं लखनऊ में हूं और शाम को पीड़िता के घर जाऊंगी और उनसे मिलकर हर संभव मदद का भरोसा दूंगी।
सोफिया ने कहा निष्पक्ष जांच होनी चाहिएसोफिया ने कहा कि उन्नाव कांड की निष्पक्ष जांच हो और विधायक दोषी निकलें तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। सोफिया ने ख्ुद माना कि कुछ पुलिस के अफसर सत्ताधारियों के इशारे पर पहले से कार्य करते आ रहे हैं। मेरे मामले में भी पुलिस ने कुछ इसी तरह का कृत्य किया था। पर योगी सरकार में ऐसा नहीं होगा। मुझे जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक सीएम
योगी आदित्यनाथ ने कड़े शब्दों में पुलिस-प्रशासन के अफसरों को चेतावनी दी है कि महिलाओं का उत्पीड़न करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें। यदि कहीं भी लापरवाही पाई गई तो उस जिले के एसएसी, एसपी पर गाज गिरना तय है।
जेलर, एसपी पर होनी चाहिए कार्रवाईसोफिया ने कहा कि पीड़िता के पिता की जेल में जिस तरह इलाज के अभाव में मौत हुई है, इससे जेल प्रशासन पर शक की छुई घूमती है। हम योगी सरकार से मांग करते हैं कि जेल के साथ ही पुलिस अफसरों की भी जांच होनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजना चाहिए। सोफिया ने बताया कि मुझे बुधवार को उन्नाव जाना था, लेकिन जिला प्रशासन के अनुरोध के चलते मैं वहां नहीं जा सकी। पर आज शाम को मैं मांखी जाऊंगी। सोफिया ने माना कि कुछ दिनों से महिला उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी है, जिन पर लगाम लगाना होगा। कुछ पुलिस अफसर आज भी पुराने ढर्रे पर कार्य कर रहे हैं। इन्हें चिनि्ंहत कर जिलों से हटाना होगा।
सोफिया भी उत्पीड़न का हो चुकी हैं शिकार सोफिया के माता-पिता चेन्नैई में रहते हैं। उनकी शादी कानपुर के कर्नलगंज निवासी शारिक आराफात से जून 2015 में हुई थी। शारिक देवरिया के रामपुर कारखाना से तत्कालीन एसपी विधायक गजाला लारी के भाई हैं। नशे में धुत होकर उनके पति ने उन्हें तीन तलाक बोलकर घर से निकाल दिया था। सोफिया ने इस मामले में पुलिस में शिकायत की थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। मामले को राजनीतिक तूल मिला तो घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि बाद में सोफिया ने बीजेपी की सदस्यता ले ली। सुप्रीम कोर्ट के एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाने के फैसले के बाद पिछले साल 23 अगस्त को सोफिया की तहरीर पर पूर्व विधायक, उनके भाई और अन्य रिश्तेदारों पर उत्पीड़न व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।