scriptकानपुर के नेताओं से था सुषमा स्वराज का सीधा जुड़ाव, निधन की खबर से छाया शोक | BJP leaders in Kanpur mourn the death of Sushma Swaraj | Patrika News

कानपुर के नेताओं से था सुषमा स्वराज का सीधा जुड़ाव, निधन की खबर से छाया शोक

locationकानपुरPublished: Aug 07, 2019 10:38:56 am

बेल्लारी चुनाव में सतीश महाना ने उनके लिए किया था प्रचारविधायक नीलिमा कटियार को आज भी याद हैं उनकी बताई बातें
 

sushma swaraj

कानपुर के नेताओं से था सुषमा स्वराज का सीधा जुड़ाव, निधन की खबर से छाया शोक

कानपुर। मंगलवार रात भाजपा नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन हो गया। इस खबर से शहर के भाजपा नेताओं में शोक छा गया। सुषमा स्वराज का पार्टी में बड़ा कद होने के साथ-साथ नेताओं से सीधा जुड़ाव था। कानपुर भी सुषमा स्वराज को पसंद था और वे बार-बार कानपुर आना चाहती थीं। कई चुनावी कार्यक्रमों के दौरान उनका कानपुर दौरा खास होता था। वह स्थानीय नेताओं से लोकसभा से विधानसभा तक की राजनीतिक समीकरण पर चर्चा कर गहराई से मंथन करती थी।
दिलों में आज भी हैं जिंदा
देश ही नहीं बल्कि शहर के भी कई पार्टी नेताओं के दिलों में आज भी सुषमा जी की यादें हैं। पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्र हो या प्रदेश के कैबिनेट मंत्री या फिर भाजयुमो के पूर्व जिला महामंत्री श्याम अग्रहरि, सभी उम्र व वर्ग के स्थानीय नेता उनकी मुलाकात की यादों को संजोए हैं। भाजपा नेताओं को उनके निधन से गहरा झटका लगा है। सुषमा स्वराज 1998 में पूर्व सांसद श्याम बिहारी के कार्यक्रम में कानपुर आई थी। भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी अनूप अवस्थी बताते है कि उस समय उनकी मुलाकात सुषमा जी से हुई। उन्होंने पार्टी के लिए युवाओं को जुटाने पर जोर दिया था। 2002 में पूर्व विधायक बाल चंद्र मिश्र के समर्थन में हुई चुनाव सभा को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने जनरलगंज विधानसभा चुनाव क्षेत्र की भी सभा संबोधित की।
सतीश महाना ने बेल्लारी में किया था प्रचार
प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सतीश महाना तो 1999 से ही सुषमा स्वराज से तब जुड़ गए थे जब उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी से लोकसभा चुनाव लड़ा था। उस समय सतीश महाना के नेतृत्व में युवा चुनाव प्रचार के लिए गए थे। इस प्रचार टोली में शामिल रहे श्याम अग्रहरि बताया है कि चुनाव में व्यस्त होने के बाद भी वह दिन में एक बार कार्यकर्ताओं के बीच आकर हालचाल लेती थीं। साथ ही चुनावी गतिविधियों की जानकारी भी लेती थीं। पूर्व विधायक सलिल विश्नोई बताते हैं कि 2014 को एक दल चीन को रवाना हुआ। इस दल में वह भी थे। तत्कालीन विदेश मंत्री होने के नाते उन्होंने इस दल को दिल्ली आवास में बुलाकर चीन के लिए रवाना किया। 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान हरजेंदरनगर में सतीश महाना की सभा को संबोधित करने आई सुषमा स्वाराज ने कार्यकर्ताओं में जोश भरा था।

उनकी सीख आज भी है याद
विधायक नीलिमा कटियार बताती हैं कि 2004 में भाजयुमो के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र प्रधान ने युवा मोर्चा की युवतियों का दिल्ली में सम्मेलन बुलाया था। सुषमा स्वराज भी इस सम्मेलन में आई थीं। नीलिमा कहती है कि वह पल और उनकी सीख भूलती नहीं है। उन्होंने पार्टी से जुड़ी सभी युवा नेताओं को सलाह दी कि परिवार का नाता मजबूत बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने तर्क दिया कि पति, पत्नी चाहता है सांसद या विधायक नहीं। मां भी उस तरह बेटी ही चाहती है। उन्होंने यह भी बताया कि सांसद रहते हुए भी वह अपनी बेटी का टिफिन देती थी। सास के बीमार होने पर छह माह तक राजनीति से दूर होकर उनकी सेवा की।
१५ अगस्त को कानपुर आने की थी इच्छा
विधायक अरुण पाठक का कहना है कि पिछले साल सितंबर माह में सुषमाजी से दिल्ली में मुलाकात के दौरान कानपुर की कई बातें साझा की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि कानपुर की याद आती है। अब मंत्री न होते हुए किसी कार्यक्रम में कानपुर में आऊंगी। उन्होंने अच्छा सा आयोजन करने की सलाह भी दी थी। इस साल 15 अगस्त को एक कार्यक्रम में आमंत्रित करने का मन बनाया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो