तहसीलदार की तहरीर में सांसद के साथ उनके दो दर्जन समर्थकों को भी शामिल बताया गया है। मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जबकि सांसद ने आरोपों से इनकार किया है। एडीएम और एसडीएम सदर की मौजूदगी में तहसीलदार का जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया है। तहसीलदार ने बताया कि सांसद सुब्रत पाठक की ओर से उन्हें अनाज वितरण की सूची भेजी गई थी। उन्होंने नायब तहसीलदार को सूची देकर जल्द वितरण को कह दिया था।
तहसीलदार अरविंद कुमार के मुताबिक दोपहर 12:59 बजे सांसद का फोन आया और राशन न पहुंचने की बात कही। तब उन्होंने नायब तहसीलदार को सूची दे देने की बात बताई। आरोप है कि सांसद गाली-गलौज कर तहसीलदार को धमकी देने लगे। बोले, वह कार्यालय पहुंच रहे हैं। तहसीलदार ने बताया कि धमकी से डरकर उन्होंने डीएम, एडीएम और एसडीएम सदर को इसकी जानकारी दी। फिर एसडीएम सदर के कहने पर अपने आवास पर आ गए थे।
बताया गया कि सवा दो बजे सांसद 20-25 लोगों के साथ उनके आवास पर पहुंचे और दरवाजा पीटने लगे। यह देख पत्नी और बच्ची खबराकर रोने लगी तो तहसीलदार बाहर आए। तहसीलदार के मुताबिक आवास में ही बने उनके कार्यालय में सांसद उनकी कुर्सी पर बैठे थे। सांसद के राशन न देने की वजह पूछने पर वह सफाई देने लगे तो मोबाइल छीनकर हमला कर दिया। साथ आए लोग भी उन्हें जमीन पर गिराकर लात-घूसे बरसाने लगे। बचाने आए लेखपाल रामबरन और अमित राय को दौड़ा लिया। रामबरन बच गए। अमित राय को पीटकर घायल कर दिया।
तहसीलदार पर हमले की खबर से पूरे जिला प्रशासन में हडक़ंप मच गया। डीएम राकेश कुमार मिश्रा, एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह, एडीएम गजेंद्र कुमार, सदर एसडीएम शैलेष कुमार मौके पर पहुंचे। तहसीलदार अरविंद कुमार को एडीएम और सदर एसडीएम के साथ मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। सदर एसडीएम शैलेष कुमार ने कहा कि घटना बेहद दुखद है।