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बीजेपी ने तय किए मापदंड, दावेदारों की बढ़ी टेंशन

locationकानपुरPublished: Nov 09, 2018 12:05:59 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

वर्तमान सांसदों के कामकाज से पार्टी हाईकमान नाराज, कानपुर-बुंदेलखंड की 10 सीटों के वर्तमान सांसद व दावेदारों के कामकाज का पार्टी जुटा रही ब्यूरो।

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बीजेपी ने तय किए मापदंड, दावेदारों की बढ़ी टेंशन

कानपुर। फिर से सत्ता में वापस आने के लिए बीजेपी चुनाव के मैदान मे उतर चुकी है और विरोधियों के उम्मीदवारों के साथ ही पार्टी के दावेदार पर मंथन शुरू कर दिया है। लखनऊ में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ हुई बैठक के दौरान कई निर्णय लिए। जिसमें से पार्टी वर्तमान सांसदों के अलावा दावेदार के लिए टिकट देने के मापदंड बनाए हैं और जो पांच चरण की परीक्षा में उतीर्ण होगा उसे ही कमल का सिंबल मिलेगा। कानपुर-बुंदेलखंड की 10 में से 9 सीटों पर बीजेपी का कब्जा हैं। इनमें से अधिकतर सांसदों के काम-काज से हाईकमान खफा है। इसी के कारण कई सांसदों पर टिकट काटे सकते हैं।

कईयों पर गिर सकती है गाज
लोकसभा चुनाव का शंखदान हो चुका है। बीजेपी के साथ ही अन्य विरोधी दल प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के विजयी रथ को रोकने के लिए एड़ी-चोटी का जो लगाए हैं। सत्ताधारी दल दिल्ली में दोबारा कब्जे के लिए सरकार की उपलब्धियों के बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार के साथ ही प्रत्याशी चयन के लिए खास फार्मूले में मुहर लगाई है। लखनऊ में हुई उच्चस्तरीय बैठक में शामिल हो चुके एक पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी ने टिकट वितरण की जो व्यवस्था बनाई, उसमें इस बार कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र की दस सीटों पर कई वर्तमान सांसदों के टिकट कट सकते हैं। इसके अलावा दावेदारों को भी पांच स्तरीय परीक्षा पास करनी होगी। जो इसमें सफल होगा उसे ही पार्टी का सिंबल मिलेगा।

तीन निजी एजेंसियों से सर्वे
संगठन के एक कद्दावर नेता ने बताया कि वर्तमान सांसदों और दावेदारों का पार्टी पहले फीडबैक लेगी। इसके लिए पार्टी ने तीन निजी एजेंसियों को ब्योरा व जमीन हकीकत की जानकारी लेने के लिए ठेका दिया है। एजेंसियां 26 जनवरी तक अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान के पास भेज देंगी। वहीं टिकट कटने की भनक लगने से वर्तमान सांसद पदाधिकारियों को साधने में लग गए हैं। साथ ही निजी कंपनियों से भी संपर्क बनाना शुरू कर दिया है। जानकारों का मानना है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सांसदों के कार्यो से नाखुश हैं और इसी के कारण पार्टी इनके पांच साल का लेखा-जोखा तैयार करवा रही है।

संघ व संगठन को भी मिली जिम्मेदारी
बीजेपी से जुड़े नेताओं की मानें तो सांसद व दावेदारों की जमीनी हकीकत को परखनें के लिए पार्टी बूथ प्रमुख, विस्तारक, मंडल प्रमुख से भी फीडबैक लेगी। इसके अलावा एक रिपोर्ट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा दी जाएगी। जिसके पक्ष में पांच में से ज्यादा रिपोर्ट होंगी, उन्हीं दावेदारों को टिकट मिलेगी। पैमानों पर खरा न उतरने वाले वर्तमान सांसदों के टिकट कटना तय है। जानकारों की मानें तो कानपुर नगर, देहात, इटावा, फर्रूखाबाद, कन्नौज, हमीरपुर-महोबा, जालौन और झांसी में फेरबदल हो सकता है। इन लोकसभा सीटों के वर्तमान सांसदों के काम-काज की एक रिपोर्ट कुछ दिन पहले पार्टी हाईकमान के पास पहुंच चुकी है। हलांकि इस मामले पर जब कानपुर-बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा मेरी जानकारी में ऐसा कुछ भी नहीं है।

ब्राम्हण चेहरे पर लगा सकती है दांव
कानपुर नगर सीट से वर्तमान में डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी सांसद हैं और उन्होंने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जता दी है। इसी के चलते वो पिछले एक सप्ताह तक शहर में रूके और पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर नब्ज टटोली। पार्टी के सूत्रों की मानें तो नगर सीट से कमल का सिंबल ब्राम्हण चेहरे को मिल सकता है। टिकट के लिए नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी के अलावा कई अन्य ने दावेदारी भी की है। पूरे मामले पर नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि पार्टी जिसे टिकट देगी उसे जिताया जाएगा। हमारे यहां सभी कार्यकर्ता टिकट के दावेदार हैं, जबकि अन्य दल परिवार व अपने लोगों को चुनाव के मैदान में उताराते हैं।

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