कर्नलगंज थाना क्षेत्र के ईदगाह कालोनी में कबाड़ का काम करने वाले दीपू की दुकान है। दीपू की दुकान के बगल में मोहम्मद हमीद की चाय की दुकान है, जिसमें उसकी बेटी रुखसार चाय बना रही थी। चाय बनाने के दौरान दीपू कबाड़ी की दुकान से निकली गैस ने आग पकड़ ली जिससे रुखसार बुरी तरह झुलस गयी। आग लगने से थोड़ी ही देर में सिलेंडर में भी विस्फोट हो गया, जिससे दुकान पूरी तरह से जलकर राख हो गई। स्थानीय लोगों ने आग लगने की सूचना दमकल विभाग को दी। मौके पर पहुंची एक गाड़ी ने आग पर काबू पाया। स्थानीय लोगों की माने तो दीपू कही से गैस सिलेंडर खरीदकर लाया था जिसको वह छेनी हथौड़ी से काट रहा था। सिलेण्डर काटने के दौरान उसमे से निकली गैस ने आग पकड़ ली और उसमे विस्फोट हो गया।
मोहम्मद हमीद के चाय की दुकान पर उनकी बेटी रुखसार बैठती है और वह खुद फेरी लगाते हैं। जिस समय हादसा हुआ हमीद दुकान पर नहीं थे, लेकिन जैसे ही उनको अपनी बेटी के बारे में जानकारी हुयी तो वह मौके पर पहुंचे और अपनी बेटी को हैलट अस्पताल में भर्ती कराया। हमीद ने बताया की जैसे ही जानकारी मिली वैसे ही वो दुकान पर पहुंचे तो देखा कि आग लगी है। हमीद ने बताया की मेरी लड़की कहती रही कि पापा बचा लो, लेकिन आग की वजह से उसको बचा नहीं सका। रुखसार को हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत बहुत गंभीर बनी हुई है। पिता ने बताया कि दीपू अक्सर ऐसे ही गैस सिलेंडर को काटता है और भारी मात्रा में गैस उससे निकलती है। हम लोगों ने उसे रोका पर वह नहीं माना।
शहर में दर्जनों रेस्टोरेंट, चाय की दुकानों और छोटे-छोटे होटलों में घरेलू गैस सिलेंडर का इस्तमाल बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि अगर किसी तरह से इनमें विस्फोट हो जाए तो जान जाना तय हैं। शासन-प्रशासन जानकर आंख बंद किए हुए बैठा है। वहीं अगर फायर विभाग की रिपोर्ट की मानें तो उसकी तरफ से शासन को 2014 में एक रिपोर्ट भेजी गई थी जिसमें जिले के सात ऐसे होटल हैं, जिनके पास एनओसी नहीं है। इनमें कैंट, रेलबजार, खपरा मोहाल, साकेत नगर शामिल हैं।