पुलिस के अनुसार बिना लाइसेंस इतनी मात्रा में बारूद सामग्री मिलना किसी बड़ी शंका को पैदा करता है। छापेमारी के दौरान गांव में मचे हड़कंप से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गयी।हालांकि जिस मकान में पटाखा बनाने का काम जारी था मकान के मालिक को हिरासत में लिया गया। जबकि बनाने वाला युवक पुलिस को चकमा देकर भाग निकलने में कामयाब रहा।
सुरेंद्र के घर में पुलिस को मिली ये विस्फोटक सामग्री पुलिस द्वारा छापेमारी के दौरान मकान मालिक सुरेंद्र यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। जबकि पुलिस को देख पटाखा बना रहा छोटे मोची वहां से भाग निकला।
पुलिस को मौके से 75 किलो पोटाश, 43 किलो बारूद, 16 किलो लोहे की कतरन, 5 किलो गंधक, 4 किलो सुतली सहित 237 किलो विस्फोटक व अन्य सामग्री बरामद की गयी। पुलिस ने विस्फोटक सामग्री को सीज कर कब्जे में लिया है।
घातक बम तैयार करने के थे मंसूबे पुलिस की सतर्कता से पकड़े गये बारूद के जखीरे में 5 किलोग्राम गंधक मिला है। बताया गया कि जो बारूद का कैटालिस्ट कहा जाता है, वहीं दीवाली के पटाखों रोशनी की आतिशबाजी में लोहे की कतरन उपयोग नहीं की जाती, जो कि बरामद हुई है। जिससे पुलिस अनुमान लगा रही है कि उक्त लोगों के मंसूबे नेक नहीं थे। जो आतिशबाजी की आड़ में घातक बम तैयार करने के लिये बड़ी मात्रा में बारूद का जखीरा एकत्रित किये थे।
दूसरे प्रांत से तार जुड़े होने की आशंका विस्फोटक सामग्री पकड़े जाने के बाद यह माना जा रहा है कि बारूदी कारोबार के तार सीधे तौर पर बुंदेलखंड व मध्य प्रदेश के कई जिलों से जुड़े है। वहां पत्थर तोड़ने के लिये इस्तेमाल होने वाले पोटाश व बारूद की बहुत बड़ी खेंप यहां पहुंच रही है। साथ ही मिली लोहे की कतरन बम बनाने में प्रयुक्त होती है, जिससे मामला बहुत गम्भीर हो गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि गांव में घातक बम तैयार किये जा रहे थे।
रसूलाबाद के प्रभारी थानाध्यक्ष देवेश शुक्ला ने बताया कि गिरफ्तार किये गये सुरेंद्र यादव के पास बारूद भंडारण का लाईसेंस कभी नहीं था और मौके पर मिला भी नहीं है। उन्होंने कहा कि फरार हुआ सुरेंद्र का साथी ही मुख्य सरगना है। जिसकी तलाश की जा रही है। साथ ही सुरेंद्र व उसके साथी के तार कहां से जुड़े है, ये भी पता किया जा रहा है।