कानपुर

हैलट के डॉक्टर्स ने किया मृत घोषित, फ्रीजर के अंदर जिंदा हो गया युवक

बिजली के करंट से हुई थी मौत, जनाजे की चल रही थी तैयार, तभी उठ कर बैठ गया आफताब

कानपुरJul 19, 2018 / 01:55 pm

Vinod Nigam

हैलट के डॉक्टर्स ने किया मृत घोषित, फ्रीजर के अंदर जिंदा हो गया युवक

कानपुर। पिता भोर पहर घर से दुकान के लिए जा जा रहे थे , तभी उन्होंने अपने बड़े बेटे को जगाया और ई-रिक्शा को चार्ज करने का कहा। बेटा गहरी नींद में था, लेकिन पिता के दिए काम को जल्द से जल्द करना था। वह बाथरूम में गया और स्नान करने के बाद जैसे ही बाहर निकला वैसे ई-रिक्शा चार्ज करने वाले खुले तार की चपेट में आया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई। बड़े भाई का शव पड़ा देख छोटे भाई ने रोना-पीटना शुरू कर दिया। इसी दौरान मां दौड़ कर आई और बेटे को लेकर हैलट गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने शव को सुरक्षित रखने के लिए फ्रीजर मंगाया था। चारों तरफ मृतक के रिश्तेदार बैठे थे। माता-पिता, भाई बहन रो रहे थे, तभी एकाएक शव हिलने-डुलने लगा। यह देख परिजन उसे लेकर तत्काल रीजेंसी हॉस्पिटल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया
करंट के चलते हुई मौत
बाबूपुरवा कोतवाली के मोहम्मदिया पार्क निवासी महताब आलम अपनी इशरत पत्नी दो बेटे व एक बेटी के साथ रहते हैं। महताब का नौबस्ता स्थित माछरिया में टेंट हाउस है। महताब अली ने बताया कि बेटा आफताब (22) से हमने ई-रिक्शा चार्ज करने को कहा। वह गहरी नींद में था तो उसे जगाया और वो बाथरूम में चला गया। हम भी दुकान के लिए चले गए। बेटा जैसे ही दरवाजा खोलकर बाहर आने लगा वैसे ही उसके दाहिने हाथ की अंगुली दरवाजे और दीवार के बीच फंस गई। बगल में लगे बिजली के बोर्ड में उसके ई-रिक्शा की बैट्री चार्ज हो रही थी। आफताब का हाथ खुले तार से छू गया और करंट लगने से वह तड़पने लगा। पत्नी उसे लेकर हैलट गई, लेकिन डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।
तभी अचानक हिलने-डुलने लगा आफताब
परिवार वाले बिना पुलिस को सूचना दिए शव लेकर घर आ गए। घर में रिश्तेदार और मोहल्ले वाले एकत्र हो गए। जनाजे की तैयारी हो रही थी तभी अचानक आफताब हिलने डुलने लगा। यह देख परिजन उसे रेजींसी हॉस्पिटल ले गए। डॉक्टर्स ने देखने के बाद उसे फिर से मृत घोषित कर दिया। मृतक के पिता का आरोप है कि अगर हैलट के डॉक्टर्स टीक तरह से बेटे की नब्ज देखते और उसे आईसीयू में एडमिट करते तो हो सकता कि मेरा बेटा बच जाता। लेकिन हैलट के एक डॉक्टर ने बिना देखे उसे मृत घोषित कर शव को घर ले जाने की सलाह देकर वहां से चला गया। हमने वहां मौजूद अन्य डॉक्टर्स से दोबारा बेटे की नब्ज टटोलने की गुहार लगाई पर किसी ने नहीं सुनी।
कुछ इस तरह से बोले डॉक्टर
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर विशाल गुप्ता ने बताया कि ऐसी स्थिति में नसों से करंट हार्ट में पहुंचता है। इससे ब्लड प्रेशर शून्य हो जाता है और ब्रेन डेथ हो जाती है। हो सकता है कि उस मरीज का हार्ट थोड़ा- थोड़ा चलता रहा है। अगर उसी समय मरीज का ईसीजी होता तो इसका पता चल जाता। बिना जांच के मरीज के बारे में सटीक जानकारी नहीं दी जा सकती। डॉक्टर विशाल ने बताया कि ऐसे कई केस में मरीज के बचने की संभवाना बहुत कम होती है। वहीं डॉक्टर रतन श्रीवास्तव ने बताया कि करंट लगने से युवक ब्रेन डेथ हो गया होगा। हां शरीर में बिजली के चलते गर्मी बनी रही होगी और इसी के चलते शव हिलने-डुलने लगा होगा।

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