पूरी तैयारी के बाद मरीज को ओटी से किया बाहर
हैलट के ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग में मुकेश भर्ती हंै। उनके पास आयुष्मान का गोल्डेन कार्ड है। बीएचटी पर आयुष्मान मरीज और नम्बर दर्ज है। डॉक्टरों ने बुधवार को ऑपरेशन के लिए तैयार रहने को कहा था। ऑपेशन से पहले डॉक्टरों ने जब मुकेश से इम्प्लांट मांगा तो उसने बताया कि उसने नहीं खरीदा, इस पर डॉक्टरों ने ऑपरेशन किए बिना ही उसे ओटी से बाहर निकाल दिया।
हैलट के ऑर्थोपेडिक सर्जरी विभाग में मुकेश भर्ती हंै। उनके पास आयुष्मान का गोल्डेन कार्ड है। बीएचटी पर आयुष्मान मरीज और नम्बर दर्ज है। डॉक्टरों ने बुधवार को ऑपरेशन के लिए तैयार रहने को कहा था। ऑपेशन से पहले डॉक्टरों ने जब मुकेश से इम्प्लांट मांगा तो उसने बताया कि उसने नहीं खरीदा, इस पर डॉक्टरों ने ऑपरेशन किए बिना ही उसे ओटी से बाहर निकाल दिया।
वार्ड तक पैसे लेने जा पहुंचे दलाल
ऑपरेशन से पहले मंगलवार रात मुकेश के पास दो दलाल पहुंचे और इम्प्लांट खरीदने के लिए २० हजार रुपए जमा करने के लिए कहा। मुकेश ने कहा कि वह आयुष्मान योजना का गोल्डेन कार्ड धारक है, उसे पैसे देने की कोई जरूरत नहीं है। इस पर दलालों ने कहा कि पैसे नहीं दोगे तो ऑपेरशन नहीं होगा। इस पर मुकेश ने ध्यान नहीं दिया और दूसरे दिन वही हुआ, डॉक्टरों ने ऑपरेशन की तैयारी के बावजूद इंतजार करने की बात कहकर टाल दिया।
ऑपरेशन से पहले मंगलवार रात मुकेश के पास दो दलाल पहुंचे और इम्प्लांट खरीदने के लिए २० हजार रुपए जमा करने के लिए कहा। मुकेश ने कहा कि वह आयुष्मान योजना का गोल्डेन कार्ड धारक है, उसे पैसे देने की कोई जरूरत नहीं है। इस पर दलालों ने कहा कि पैसे नहीं दोगे तो ऑपेरशन नहीं होगा। इस पर मुकेश ने ध्यान नहीं दिया और दूसरे दिन वही हुआ, डॉक्टरों ने ऑपरेशन की तैयारी के बावजूद इंतजार करने की बात कहकर टाल दिया।
मामला दबा रहे अधिकारी
ऑपरेशन न होने पर दूसरे दिन गुरुवार को जब मरीज ने प्रमुख अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई तो नोडल अधिकारी डॉ. एसके सिंह ने तुरंत इप्लांट की व्यवस्था कराकर ऑपरेशन कराया। अब इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। डॉ. एसके सिंह का कहना है कि डॉक्टरों को यह जानकारी नहीं थी कि मरीज आयुष्मान लाभार्थी है, इस कारण यह सब हुआ।
ऑपरेशन न होने पर दूसरे दिन गुरुवार को जब मरीज ने प्रमुख अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई तो नोडल अधिकारी डॉ. एसके सिंह ने तुरंत इप्लांट की व्यवस्था कराकर ऑपरेशन कराया। अब इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। डॉ. एसके सिंह का कहना है कि डॉक्टरों को यह जानकारी नहीं थी कि मरीज आयुष्मान लाभार्थी है, इस कारण यह सब हुआ।