कर्नटक के मुख्यमंत्री पद की ली शपथ, बसपा प्रभारी ने भाजपा लगाए आरोप, धन-बल का शुरू हो गया खेल
कानपुर। कर्नाटक बसपा प्रभारी व फर्रूखाबाद निवासी राज्यसभा सांसद डॉक्टर अशोक सिद्धार्थ ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी और
अमित शाह लोकतंत्र की हत्या करने पर तुले हैं। बहुमत नहीं होने के बावजूद येद्दयुरप्पा मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे हैं जो पूरी तरह से अनुचित है। कांग्रेस, जेडीएस और बसपा के पास विधायकों की पर्याप्त संख्या होने के बाद भी राज्यपाल ने दिल्ली के कहने पर येद्दयुरप्पा को शपथ लेने का पत्र दे दिया है, जो पूरी तरह से असवंधानिक है। सत्ता, पैसा और पॉवर के बल पर तो भाजपा ने सरकार बना ली, लेकिन विधानसभा में येद्दयुरप्पा बहुमत नहीं सिद्ध कर पाएंगे। गठबंधन का एक भी विधायक इनके बहकावे पर नहीं आएगा और वह पूरी तरह से अपनी-अपनी र्पाटयों के साथ खड़े हैं।
कोर्ट की शरण में गया विपक्षकर्नाटक में मतगणना के बाद से बेंगलुरू से लेकर दिल्ली व लखनऊ तक सियासत पिछले 36 घंटे से गर्म है। देरशाम राज्यपाल राज्यपाल वजुभाई वाला की ओर से भाजपा के बीएस येद्दयुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए हामी भरने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने बुधवार रात 9 बजे के करीब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और इस मामले में तुरंत सुनवाई की अपील की। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने उनकी याचिका स्वीकार करते हुए देर रात ही जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोबड़े की तीन जजों वाली बेंच गठित कर सुनवाई का आदेश दे दिया। सुनवाई रात के 1ः45 बजे से शुरू होकर करीब 5ः30 बजे तक चली और फैसला भाजपा के पक्ष में आ गया। इसी के बाद राजनीति दलों की तरफ से बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया। बेंगलुरू से पत्रिका से खास बातचीत के दौरान बसपा प्रभारी अशोक सिद्धार्थ ने कहा कि पिछले चार साल से मोदी सरकार लोकतंत्र को खत्म करने पर तुली है और इसका उदाहरण आज कर्नाटक में देखने को मिला।
116 विधायक विपक्ष के पासबसपा प्रभारी ने कहा राज्यपाल ने संवैधानिक मानकों की अनदेखी की है। कुमारस्वामी ने कांग्रेस विधायकों के समर्थन से 222 सदस्यों की विधानसभा मे 116 विधायकों का समर्थन पेश किया था, लेकिन राज्यपाल ने उन्हें नहीं बुलाया और 104 विधायकों वाली भाजपा को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण दे दिया। अशोक सिद्धार्थ ने बीएस येद्दयुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिए जाने पर भी सवाल उठाया। कहा, उनके पास सिर्फ 104 विधायक हैं बहुमत के लिए 112 चाहिए। कांग्रेस-जेडीएस के विधायक टूटे बगैर बहुमत संभव नहीं और कानून इसकी इजाजत नहीं देता। राज्यसभा सांसद ने कहा कि विपक्ष ने कोर्टग् का दरवाजा खटकाया, जहां से हमें निराशा मिली। पर अभी गठबंधन हारा नहीं, बल्कि येद्दयुरप्पा को विधानसभा में हराने के लिए जुटा है। येद्दयुरप्पा किसी भी कीमत पर बहुमत सिद्ध नहीं कर पाएंगे और 15 दिन के बद गठबंधन की सरकार बन कर रहेगी।
कांग्रेस के चलते कर्नाटक में फंसा पेंचराज्यसभा सांसद ने कहा कि बसपा सुप्रीमो
मायावती ने खुद
सोनिया गांधी को फोनकर कना्र्रटक में जेडीएस के साथ गठबंधन के लिए कहा था। उन्होंने आश्वासन दिया पर नमांकन के वक्त उन्हें गठबंधन से इंकार कर दिया। इसी के चलते आज भाजपा 104 सीट लेकर सबसे बड़े दल के रूप में आने में कामयाब रही। गटबंधन होता तो भाजपा कर्नाटक में 10 से ज्यादा सीटें नहीं जीत पाती। बसपा प्रभारी ने कहा कि कुछ माह के बाद केंद्र से मोदी सरकार को क्षत्रप् हटा कर दम लेंगे। यूपी में हम
अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे और 80 में से 80 सीटें जीत कर 2019 में पीएम मोदी का हरा देंगे। अशोक सिद्धार्थ ने कहा कि अब कांग्रेस को सोचना होगा कि बिना क्षत्रपों को वह अकेले भाजपा से मोर्चा नहीं ले सकती।
धन-बल का शुरू हो गया खेलब्सपा प्रभारी ने कहा कि राज्यपाल के एक फैसले से कर्नाग्टक में धनबल का खेल शुरू हो गया है। भाजपा के नेता विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने के लिए कांग्रेस, जेडीएस और बसपा के साथ ही निर्दलीय विधायकों की खरीद-फरोख्त में जुट गए हैं। पर विधायक अपनी-अपनी पार्टियों के साथ मजबूती से खड़े हैं। अशोक सिदार्थ ने कहा कि नोटबंदी का पैसा अब कर्नाटक में काम आ रहा है। भाजपा विधायकों को मुंहमांगी कीमत देने को तैयार हे। खुद बसपा विधायक से स्थानीय भाजपा नेता ने संपर्क बनाया था, लेकिन वह बसपा सुप्रीमो मायातवी की कर्मठ सिपाही है और कागज के टुकड़ों के बजाए संप्रदायिक ताकतों को देश व प्रदेश से बाहर करने के लिए मजबूती के साथ उनके साथ खड़ा हे।