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सिकन्दरा उपचुनाव: बसपा नहीं मैदान में, भाजपा-सपा-कांग्रेस में होगा त्रिकोणीय मुकाबला

locationकानपुरPublished: Dec 20, 2017 09:16:51 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

उत्तर प्रदेश के सिकंदरा विधानसभा में हो रहे उपचुनाव के लिए जहाँ प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है।

BJP samajwadi party

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कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश के सिकंदरा विधानसभा में हो रहे उपचुनाव के लिए जहाँ प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। वही दूसरी ओर प्रत्याशियों ने भी चुनाव प्रचार और जनता को लुभाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। सिकंदरा विधानसभा में उपचुनाव होने की वजह से यहाँ से विधायक रहे मथुरा पाल का निधन हो गया। कुछ महीने पहले बीजेपी के विधायक मथुरा पाल का कैंसर की बीमारी के चलते निधन हो गया था। जिसके बाद से ये सीट खाली थी और अब इसी विधानसभा सीट को भरने के लिए यहाँ उपचुनाव कराया जा रहा है। प्रशासन की माने तो इसकी तैयारियां भी पूरी कर ली गयी है।
बसपा को छोड़ सपा, भाजपा, कांग्रेस प्रमुख दल के प्रत्याशी मैदान में-

जिले में हो रहे उपचुनाव के लिए आपको बता दे की यहाँ से प्रमुख तीन पार्टियों के प्रत्याशी मैदान में है। बसपा ने इस उपचुनाव में अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। जिसकी वजह से अब सभी पार्टियां बसपा के वोटबैंक पर अपनी-अपनी नजर गड़ाए हुए हैं। जैसा की लोगों का मानना है कि बसपा का वोट सपा तथा कांग्रेस में बाटने की उम्मीद जताई जा रही है। चर्चा है कि बीजेपी के लिए सबसे बड़ी मुसीबत इस बार ये है कि ये पूरा क्षेत्र ज्यादातर किसानों से भरा है और यहाँ किसानी ही मूल पेशा है। लिहाजा सरकार ने जो किसानों से वादे किये थे, उसका कोई ख़ास फायदा किसानों को नहीं हुआ। इसकी वजह से यहाँ का किसान बीजेपी से नाराज है और बीजेपी की यही सबसे बड़ी मुसीबत बनती नजर आ रही है। इसीलिए चुनाव प्रचार के लिए यहाँ बड़े-बड़े बीजेपी नेताओं ने किसानों को रिझाने के लिए हर पैंतरा अपना लिया है। अब देखने वाली बात ये होगी कि मतदाता अब किस पार्टी का दामन थामते हैं और किस पार्टी को मतदाताओं की नाराजगी झेलनी पड़ेगी।
जानिए किन स्थितियों में है कौन प्रत्याशी

1 – कांग्रेस से प्रभाकर पांडेय जो पेशे से बिजनेस मैंन है और उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के सदस्य भी है।

2 – बीजेपी से यहाँ के प्रत्याशी अजीत पाल है, जिनके पिता की मृत्यु के बाद से ये सीट खली हुई है और यहाँ उपचुनाव हो रहा है। पेशे से अजीत इंजीनियर है लेकिन नेतागिरी का कोई भी अनुभव इनको अभी तक नहीं है।
3 – सपा पार्टी से सीमा सचान यहाँ से मैदान में है। इनके पति राकेश सचान पूर्व सांसद है और उनका समाजवादी पार्टी में अच्छा खासा दबदबा है। पिछली बार भी सीमा सचान यहाँ से चुनाव लड़ी थी और तीसरे नंबर पे रही थी। पेशे से अब नेतागिरी में ये काफी समय से सिकंदरा विधानसभा में सक्रीय है।
फिलहाल मतदान 21 तारीख को होना है। सभी पार्टी के प्रत्याशियों ने अपनी पूरी जोर आजमाइश कर ली है और मतदाता को लुभाने की पूरी कोशिश कर ली है। अगर बात की जाए सीट की तो बीजेपी के लिए इस बार सीट बचाना जहाँ एक बड़ी चुनौती है, वहीं दूसरी पार्टी यानि सपा व कांग्रेस के लिए बसपा का चुनाव न लड़ना एक बड़ा वरदान साबित हो सकता है, जो बीजेपी की गणित बिगाड़ सकता है। अब तो ये आने वाला वक़्त ही बताएगा, जब 24 दिसंबर को वोटों की गिनती पूरी होगी। तभी पता चलेगा कि किस प्रत्याशी को जनता जनार्दन का आशीर्वाद मिला और कौन इनकी चुनौतियों पर खरा नहीं उतर पाया|
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