मामला बिठूर के बैंकुठपुर भरतपुरवा गांव का है। यहां से मूलचंद्र, रामनारायण, दयाल सिंह समेत करीब 45 लोग वैष्णो देवी के दर्शन करने गए थे। ग्रामीणों ने बताया कि प्राइवेट बस ड्राइवर लक्ष्मीनारायण ने तीर्थ यात्रा के दौरान कई मंदिरों में दर्शन कराने का किराया वसूला था। इसके बावजूद वैष्णो देवी से लौटने के बाद उसने कहीं और दर्शन कराने से इनकार कर दिया। इस पर यात्रियों और बस चालक के बीच कहासुनी हो गई। ड्राइवर ने देख लेने की धमकी दी थी।
ग्रामीणों का कहना है कि जैसे ही बस बैकुंठपुर रोड पर पहुंची तो ड्राइवर ने अपने साथियों को फोन करके बुला लिया। इसी बीच 30 से ज्यादा लोगों ने बस पर हमला कर दिया। हथियारों व लाठी-डंडे से लैस बदमाशों ने महिलाओं के साथ अभद्रता करनी शुरू कर दी। विरोध करने पर बुजुर्गों, बच्चों और युवकों को जमकर पीटा। आरोप है कि बदमाशों ने पिटाई के दौरान तीर्थ यात्रियों की तलाशी ली। उनके पास रखे करीब डेढ़ लाख रुपए लूट लिए।
बस पर हमला करने वालों ने यात्री मूलचंद्र, रामनारायण, दुलारे और महावीर समेत छह लोगों को मरणासन्न कर दिया। इसी बीच तीर्थ यात्रियों ने 100 नंबर पर कॉल करके पुलिस को घटना की जानकारी दी। मगर करीब आधे घंटे तक बदमाश उत्पात मचाते रहे फिर भी पुलिस नहीं पहुंची। लुटेरों के जाने के बाद पुलिस पहुंची तो पीडि़तों ने बस ड्राइवर पर डकैती डलवाने का आरोप लगाया है। वहीं, पुलिस ने बलवा, बंधक बनाने और मारपीट की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है।