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लखनऊ-गोरखपुर के लिए बसें झकरकटी से नहीं यहां से मिलेंगी

locationकानपुरPublished: Oct 24, 2019 02:54:42 pm

पूरी तरह से खाली कराया जाएगा झकरकटी बस अड्डा पीपीपी मॉडल के तहत कराया जाएगा तैयार

लखनऊ-गोरखपुर के लिए बसें झकरकटी से नहीं यहां से मिलेंगी

लखनऊ-गोरखपुर के लिए बसें झकरकटी से नहीं यहां से मिलेंगी

कानपुर। झकरकटी बस अड्डे से बसों का संचालन बंद किया जाएगा। इसे पीपीपी मॉडल के तहत नए सिरे से तैयार कराया जाएगा, इसके लिए इसे पूरी तरह से खाली कराया जाएगा। इसकी जगह दूसरे स्थानों से बसों का संचालन कराया जाएगा। इसलिए लखनऊ और गोरखपुर की बसें अब सिग्नेचर सिटी बस अड्डे से चलेंगी। जबकि कई अन्य जिलों के लिए विकासनगर डिपो से बसों का संचालन किया जाएगा। एमडी ने बताया कि झकरकटी बस अड्डे के निर्माण के लिए नवंबर माह में टेंडर होने की संभावना है। प्रयास है कि बसों का संचालन दूसरी जगह से किया जाए, जिससे संबंधित कंपनी को झकरकटी बस अड्डा पूरी तरह खाली दिया जाए।

सिग्नेचर सिटी बस अड्डे से चलेंगी ३५० बसें
नए बस अड्डे से करीब 350 बसों का संचालन किया जाएगा। यूपीएसआरटीसी के एमडी राजशेखर ने राम मनोहर लोहिया कार्यशाला निरीक्षण के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लखनऊ और गोरखपुर की बसें एक फरवरी से सिग्नेचर सिटी बस अड्डे से चलेंगी। बताया कि 31 जनवरी तक बस अड्डा का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। एक फरवरी को इसका उद्घाटन किया जाएगा। इस दौरान केडीए के इंजीनियर भी मौजूद रहे। आवास बनाने के साथ बस अड्डा बनाने का काम तेजी से चल रहा है। राजशेखर ने अधिकारियों से 31 जनवरी 2020 तक सिग्नेचर सिटी बस अड्डा का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया।
विकासनगर डिपो से ४५० बसें चलेंगी
दूसरी ओर विकास नगर डिपो से भी करीब 450 बसों का संचालन किया जाएगा। संभावना है कि जहंा एक ओर लखनऊ और गोरखपुर सहित आसपास के जिलों की बस सेवा सिग्नेचर सिटी से संचालित होगी तो कन्नौज-फर्रुखाबाद, दिल्ली और बरेली की बस सेवा विकास नगर डिपो से शुरू होगी। इससे बसों को शहर के बीच से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा और जाम भी नहीं लगेगा।
कानपुर में बनेंगी एसी बसें
रोडवेज की एसी बसों का निर्माण अब कानपुर में ही होगा। विभाग के एमडी राजशेखर ने कार्यशाला के जीएम से एसी बनाने का प्रोटोटाइप मांगा है, जिसे लैब में टेस्टिंग के लिए भेजा जाएगा। पास का सर्टिफिकेट मिलते ही कार्यशाला में एसी बस बनाने का काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए यहां के अधिकारी और स्टाफ को प्रशिक्षण के लिए पुणे स्थित सीआईआरटी भेजा जाएगा। यूपीएसआरटीसी का सीआईआरटी के साथ एक करार भी हुआ है। वहीं, एमडी ने बॉयो-टॉयलेट वाली नई स्कैनिया और वाल्वो खरीदने की बात कही।

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