थाना मंगलपुर क्षेत्र के कस्बा झींझक निवासी पप्पू चक्रवर्ती जो कि मुर्गा का व्यापार करते हैं और खटिक समाज के जिलाध्यक्ष भी हैं। बीते एक सप्ताह पूर्व झींझक मंडी समिति में मजदूरी कर रहे बिहार के भंडारी उर्फ बिहारी उर्फ महेश्वरी जो पप्पू से आए दिन मुर्गा खरीदता था, उसने एक साजिश के तहत पप्पू से उसके विकृत पुत्र की शादी कराने का प्रस्ताव रखा और एक बनावटी लड़की की फोटो दिखाई और बिहार लड़की वालों के घर चलने की बात कही। इसके बाद पप्पू अपने भाई सतीश व नौकर शहीद को लेकर 22 सितम्बर को उन लोगों के साथ बिहार के कटिहार के लिए ट्रेन से रवाना हो गए। बताया गया कि कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचने पर महेश्वरी के दो अन्य साथी मिले, जिन्होंने खुद को महेश्वरी का रिश्तेदार बताया। इस दौरान पत्नी मंजू की बात पप्पू से होती रही। 24 सितबर को जब पत्नी ने पप्पू के मोबाइल पर फोन किया तो महेश्वरी ने फोन उठाया और कहा कि उसके पति देवर व नौकर का अपहरण हो गया है और 15 लाख फिरौती की मांग की। साथ ही पुलिस को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इतना सुनते ही घर में सन्नाटा पसर गया।
पत्नी मंगलपुर थाना पहुंची और पूरी बात बताते हुए तहरीर देकर भंडारी उर्फ महेश्वरी सहित दो अन्य अज्ञात के खिलाफ अपहरण व फिरौती की धाराओं मे मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस कप्तान के निर्देश पर कानपुर देहात से स्वाट टीम प्रभारी सतोष आर्या व थाना पुलिस की अगुवाई में अनूप कुमार, अनमोल सिंह, देवेश चौधरी व अन्य जवानों सहित दो टीम बिहार के लिए रवाना की गई। मोबाइल सर्विलांस के जरिए टीम ने बिहार के अरहरिया रानीगंज से अपहरणकर्ता अखिलेश, सुबोध ऋषिदेव, बालबोध ऋषिदेव तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनकी पकड़ से पप्पू सहित तीनों लोगों को आज़ाद कराया। वहीं मौका पाकर मुख्य सरगना भंडारी उर्फ महेश्वरी अपने बेटे कुमोद के साथ फरार हो गया, जिसकी सूचना टीम द्वारा एसपी कानपुर देहात दिनेश पाल सिंह को दी गई। अपहरण से मुक्त होने की सूचना मिलते ही परिजनों ने राहत की सांस ली।
पुलिस कप्तान डीपी सिंह ने बताया कि टीम ने लगातार पीछा करते हुये पांच दिन मे मामले का खुलासा कर दिया है। आरोपियो के यहाँ पहुंचने व पूछ्ताछ से यह अनुमान है कि बड़ा खुलासा हो सकता है। खुलासा करने वाली टीम को 20 हजार रुपये का ईनाम दिया जाएगा।