इसके लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर एक माह में जिले के सभी स्कूलों को यह व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश जारी कर दिये हैं। इसके लिए विद्यालय के प्रबंधकों, प्राचार्यों को अवगत भी करा दिया गया है। अब स्कूल वाहनों को फिट रखने तथा विद्यार्थियों की सुरक्षा का संपूर्ण उत्तरदायित्व विद्यालय प्रबंधन को दिया गया है। इसमें समस्त विद्यालयों को परिवहन सुरक्षा समिति का गठन करना होगा। जिसमें विद्यालय प्राचार्य के अतिरिक्त नायब तहसीलदार, थानाध्यक्ष, सहायक बेसिक शिक्षाधिकारी तथा दो अभिभावक शामिल होंगे। यह समिति एक सप्ताह के अंदर बैठक कर कार्यवृत्ति जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के माध्यम से जिला समिति को प्रेषित करेंगे। आपको बता दें कि इस नई नियमावली के अनुसार प्रत्येक स्कूल बस में सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए।
स्कूली वाहन में मोबाइल ट्रैकिंग सिस्टम (जीपीएस) भी अवश्य होगा। इससे वाहन की सही लोकेशन स्कूल या संस्थान को मिलती रहेगी। प्रत्येक सीट पर बच्चे के लिए सीट बेल्ट होगी और उसका उपयोग भी होगा। चालक और परिचालक अपनी निर्धारित वर्दी में ही रहेंगे। वाहन की स्पीड 40 किमी. प्रति घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए। समय समय इसकी जांच होती रहेगी। जिले एडीएम प्रशासन पंकज वर्मा ने बताया कि आरटीओ, एआरटीओ एवं पुलिस विभाग को निर्देशित किया गया है कि अभियान चलाकर स्कूली वाहन चेकिग करें। जुगाड़ वाले कोई भी वाहन जनपद में न चलने पाएं। यदि जुगाड़ वाले वाहन मिल जायें तो उनका तत्काल चालान किया जाए। विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति का कार्य विद्यालयों में समबद्ध यानों के दस्तावेज का परीक्षण करेगी। प्रत्येक चालक का पुलिस सत्यापन भी किया जायेगा।