वरना होली के रंग में भंग पड़ सकता है और आप को जेल की हवा खानी पड़ सकती है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं। ऐसा कानपुर देहात डीएम का जारी फरमान कह रहा है।
डीएम ने निर्देश जारी करते हुए कहा है। इस बार होली के त्यौहार पर पशुओं पर रंग डालने वाले के ऊपर पशु अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी। पशुओं पर ना डाले रंग
कानपुर देहात डीएम नेहा जैन ने सोमवार की देर शाम विकास कार्यों की मुक्तेश्वरी देवी सभागार कक्ष में समीक्षा बैठक करते हुए मौके पर मौजूद अधिकारियों को होली की शुभकामनाएं दी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश देते हुए कहा कि होली पर्व के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति भैस, गाय आदि पशुओं के ऊपर रंग आदि न डाले। अगर कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की गतिविधि में संलिप्त होता है।
तो संबंधित के विरुद्ध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 अन्तर्गत कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। उन्होंने कहा कि पशुओं को अनावश्यक पीड़ा व यातना पहुंचाने के निवारणार्थ और उस प्रयोजन के लिए पशुओं के प्रति क्रूरता न अपनायी जाये।
इसमें किसी प्रकार की लापरवाही ना होने पाए इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। पशुओं में चाट कर साफ करने की होती है प्रवृति कानपुर देहात डीएम नेहा जैन के फैसले की तारीफ करते हुए डॉ अजय वर्मा ने कहा कि यह फैसला बहुत अच्छा है। क्योंकि रंगों से जानवरों के स्वास्थ्य पर बेहद गंभीर असर पड़ता है।
उन्होंने बताया कि पशुओं में अपने ही शरीर को चाट कर साफ करने की प्रवृति होती है। जब यह कैमिकल युक्त रंग उनके शरीर में जाते हैं। तो वह पेट और आंत संबंधी गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
होली के इन रंगों में लीड ऑक्साइड, एल्यूमिनियम ब्रोमाइड, मरकरी सल्फेट और कॉपर सल्फेट आदि रसायन शामिल होते हैं। इन्हीं जहरीले टॉक्सिन के कारण पशुओं को स्किन एलर्जी और जलन का खतरा बना रहता है। ऐसे में सभी लोगों को इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए कि बेवजह पशुओं के ऊपर रंग नहीं डालना चाहिए