केस्को के एमडी ने ज्यादा बिल से परेशान उपभोक्ताओं को राहत देते हुए कहा है कि अगर किसी को लगता है कि उसका बिल ज्यादा स्लैब के हिसाब से आ गया है तो वह संबंधित एक्सईएन से इसकी जांच करा लें और अगर बिल जमा नहीं किया है तो उसे संशोधित कराकर जमा कर दें। उन्होंने यह भी कहा कि जो उपभोक्ता बिल जमा कर चुके हैं और अगर जांच में उनका बिल ज्यादा निकलता है तो बाकी राशि अगले बिल में समायोजित करा सकेंगे। एमडी ने कहा कि किसी को भी निर्धारित स्लैब से ज्यादा टैरिफ का बिल जमा करने की जरूरत नहीं होगी।
दरअलस 23 मार्च को प्रदेश में लागू हुए लॉकडाउन के दौरान शासन ने बिजली बिल वसूली और रीडिंग पर रोक लगाई थी। उस समय लगभग दो महीने तक ना ही बिजली बिल आया और ना ही रीडिंग ली गई और अब दो से ढाई महीने की एक साथ रीडिंग जोडकऱ बिजली का बिल भेजा गया है। जो उच्चतम स्लैब को पार कर गया है। जिसके चलते उभोक्ताओं के सामने महंगे रेट की बिजली का बिल चुकाने की नौबत खड़ी हो गई।
मई महीने में लॉकडाउन-4.0 में छूट के बाद केस्को ने विभिन्न बिलिंग एजेंसियों के माध्यम से मीटर रीडिंग शुरू कराने के निर्देश दिए तो बिलिंग एजेंसियों ने मीटर रीडिंग के शहरी व ग्रामीण उपभोक्ताओं के घरों में दो-ढाई माह बाद एकमुश्त रीडिंग लेकर बिल जारी कर दिया। ऐसे में रीडिंग के उच्चतम स्लैब पार करने के कारण उन्हें दो से ढाई गुना बिल थमाए गए।
बिजली बिल के नए टैरिफ प्लान के अनुसार घरेलू लाइन व पंखा (शहरी) श्रेणी के उपभोक्ताओं को चार श्रेणियों में बांटा गया था। 0-150 यूनिट के बीच उपभोग करने पर 5.50 रुपये, 151 से 300 के बीच 6.00 रुपये, 301 से 500 यूनिट के लिए 6.50 रुपये एवं 501 यूनिट से उपर के लिए 7.00 रुपये प्रति यूनिट की दर लागू है। ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू पंखा बिजली वाले उपभोक्ताओं को बिजली उपभोग के पांच स्लैब में बांटा गया है। 0-100 यूनिट के मध्य 3.35 रुपये, 101 से 150 के मध्य 3.85 रुपये, 151 से 300 के मध्य 5.00 रुपये, 300 से 500 के मध्य 5.50 रुपये व 501 से अधिक बिजली उपभोग करने वालों के लिए 6.00 रुपये प्रति यूनिट की दर निर्धारित है। यह स्लैब प्रतिमाह बिलिंग के लिए निर्धारित हैं।