पाई-पाई के लिए तरसने लगा शहर अचानक पूरा शहर पाई-पाई के लिए तरसने लगा है और एटीएम के बाहर लटके तालों से सन्नाटा सा मालूम पड़ने लगा है। जेहन में साल 2016 की नोटबंदी कौंधने लगी है और डर सताने लगा है एक फिर से जेब के ‘कैश लेस’ हो जाने का। अफरा-तफरी में लोग बैंकों और एटीमों की दौड़ लगा रहा है और फिर खाली हाथ लौटकर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। देश की आर्थिक परेशानियों का हल निकालने वाले वित्त मंत्रालय के मंत्री अरुण जेटली ने भी मान लिया है कि हां वन्स अगेन इट्स कैश क्रंच। वहीं वित्तमंत्री के इस बात पर विपक्ष के नेताओं ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सपा नगर अध्यक्ष मुनीन खान ने कहा कि देश में बेटिया खौफ के साए में रहने को विवश हैं, वहीं एटीएम कैशलेश हो जाने से आमपब्लिक परेशान है। ऐसी सरकार को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। कांग्रेस नगर अध्यक्ष हरिप्रकाश अग्निहोत्री ने बताया कि सुबह हम एटीएम पैसे निकालने के लिए गए तो पता चला कि वित्तमंत्री के आदेश पर एटीएमों में पैसा नहीं डाला गया। मोदी सरकार पब्लिक के पैसे पर डाका डालना शुरू कर दिया है।
एटीएम के बाहर नो कैश के लगे बोर्ड
कानपुर में मंगलवार की सुबह एकबार फिर से नोटबंदी जैसे हालात बन गए। शहर के एटीएम खाली हैं और बाहर ’नो कैश’ का बोर्ड लगा है। कुछ दिनों से एटीएम में कैश न उपलब्ध होने से फिर नोटबंदी जैसी परेशानी का माहौल बनने लगा। आर्यनगर स्थित एसबीआई के एटीएम में ग्राहक कैश निकालने के लिए पहुंचे, लेकिन नो कैश का बोर्ड देखकर अन्य इलाकों में पैसे निकालने के लिए भागे। पर वहां भी एटीएम उन्हें खाली मिले। केशव शर्मा ने बताया कि बेटी की आज सगाई है और अपना और बड़े बेटे के एटीएम से पैसे निकालने के लिए आए पर नो कैश का बोर्ड देखकर हमें काकादेव स्थित बैंक जाना पड़ा। वहां भी ग्राहकों की जबरदस्त भीड़ थी। तीन घंटे के बाद नंबर आया और फिर पैसा मिल सका।
इसके चलते खाली हुए एटीएम
रिजर्व बैंक के सूत्रों का कहना है कानपुर के अलावा अन्य शहरों में लोगों के जरूरत से ज्यादा नकदी निकालने की वजह से यह संकट खड़ा हुआ है। सूत्रों की मानें बैसाखी, बिहू और सौर नव वर्ष जैसे त्यौहार होने की वजह से लोगों को ज्यादा नकदी की जरूरत थी। लोग नकदी का जमावड़ा न करने लगें और अफरा-तफरी न मचे इसके लिए वित्त मंत्रालय ने तत्काल रिजर्व बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक की और एटीएम में करेंसी कम पहुंचाने के आदेश दिए। पर यह बैंकों के अधिकारियों पर भारी पड़ गया। एटीएम खाली होने के चलते ग्राहक नकदी के लिए बैंकों की तरफ रूख कर लिए। सुबह से बैंकों के अंदर और बाहर ग्राहकों को लाइन लगी रहीं।
रसोई और सगाई पर पड़ी मार
एटीएम खाली होने से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ रही है। क्योंकि महिलाएं एटीएम से पैसे निकाल कर घरेलू समान की खरीदारी करती हैं। आजाद नगर निवासी पूनम ने बताया कि आज बेटी का जन्मदिन था। सुबह एटीएम गए पर वहां नो कैश का बोर्ड लगा हुआ था। एक किमी पैदल चलकर पीएनबी की शाखा में पैसे निकालने के जाना पड़ा। वहीं सहालग के मौसम में भी एटीएम की मार का असर दिखा। जो लोग एटीएम के सहारे बैठे थे उनके हाथ पैसे नहीं लगे। कुछ ने चेक के जरिए तो कुछ ने बैंकों में लाइन लगाकर पैसे निकाले।
एटीएम के बाहर नो कैश के लगे बोर्ड
कानपुर में मंगलवार की सुबह एकबार फिर से नोटबंदी जैसे हालात बन गए। शहर के एटीएम खाली हैं और बाहर ’नो कैश’ का बोर्ड लगा है। कुछ दिनों से एटीएम में कैश न उपलब्ध होने से फिर नोटबंदी जैसी परेशानी का माहौल बनने लगा। आर्यनगर स्थित एसबीआई के एटीएम में ग्राहक कैश निकालने के लिए पहुंचे, लेकिन नो कैश का बोर्ड देखकर अन्य इलाकों में पैसे निकालने के लिए भागे। पर वहां भी एटीएम उन्हें खाली मिले। केशव शर्मा ने बताया कि बेटी की आज सगाई है और अपना और बड़े बेटे के एटीएम से पैसे निकालने के लिए आए पर नो कैश का बोर्ड देखकर हमें काकादेव स्थित बैंक जाना पड़ा। वहां भी ग्राहकों की जबरदस्त भीड़ थी। तीन घंटे के बाद नंबर आया और फिर पैसा मिल सका।
इसके चलते खाली हुए एटीएम
रिजर्व बैंक के सूत्रों का कहना है कानपुर के अलावा अन्य शहरों में लोगों के जरूरत से ज्यादा नकदी निकालने की वजह से यह संकट खड़ा हुआ है। सूत्रों की मानें बैसाखी, बिहू और सौर नव वर्ष जैसे त्यौहार होने की वजह से लोगों को ज्यादा नकदी की जरूरत थी। लोग नकदी का जमावड़ा न करने लगें और अफरा-तफरी न मचे इसके लिए वित्त मंत्रालय ने तत्काल रिजर्व बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक की और एटीएम में करेंसी कम पहुंचाने के आदेश दिए। पर यह बैंकों के अधिकारियों पर भारी पड़ गया। एटीएम खाली होने के चलते ग्राहक नकदी के लिए बैंकों की तरफ रूख कर लिए। सुबह से बैंकों के अंदर और बाहर ग्राहकों को लाइन लगी रहीं।
रसोई और सगाई पर पड़ी मार
एटीएम खाली होने से सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ रही है। क्योंकि महिलाएं एटीएम से पैसे निकाल कर घरेलू समान की खरीदारी करती हैं। आजाद नगर निवासी पूनम ने बताया कि आज बेटी का जन्मदिन था। सुबह एटीएम गए पर वहां नो कैश का बोर्ड लगा हुआ था। एक किमी पैदल चलकर पीएनबी की शाखा में पैसे निकालने के जाना पड़ा। वहीं सहालग के मौसम में भी एटीएम की मार का असर दिखा। जो लोग एटीएम के सहारे बैठे थे उनके हाथ पैसे नहीं लगे। कुछ ने चेक के जरिए तो कुछ ने बैंकों में लाइन लगाकर पैसे निकाले।