रिजर्व बैंक की नई सुविधा, बैंक खुलने का समय बदला, नया टाइम क्या है जानें ?
इनको मिला मुआवजा इस समझाौते के बाद कराचीखाना शाखा के सभी पीड़ित लॉकरधारकों कुल दो करोड़ 64 लाख 50 हजार रुपए क्लेम दिया। इसमें सीता गुप्ता को 17.5 लाख, मंजू भट्टाचार्य 25 लाख, शकुंतला देवी 25 लाख, पंकज गुप्ता 25 लाख, मीना यादव 50 लाख, निर्मला तहिलियानी 25 लाख, वैभव महेश्वरी 20 लाख, महेंद्र सविता दो लाख, सुशीला देवी 25 लाख, राजा बेटी गुप्ता 25 लाख, अमिता गुप्ता 25 लाख रुपए मुआवजा मिले।उत्तर प्रदेश में एक बड़ा बैंक बंद, जमाकर्ता परेशान कैसे मिलेगा जमा धन
फार्मूले का आधार बना स्त्री धन लॉकर में रखी गई वस्तुओं की जानकारी कोई उपलब्ध नहीं कराता है। बैंक को सिर्फ किराया से मतलब होता है। इस पूरे मामले में लॉकरधारक ज्यादातर महिलाएं थीं। आयकर कानून में भी पांच सौ ग्राम तक सोना होने पर कोई पूछताछ नहीं की जाती है। सोना महिला का स्त्री धन माना जाता है। इसी आधार पर बैंक ने पीड़ितों को प्रस्ताव दिया। इस पूरे मामले में बैंक के मैनेजर और लॉकर इंचार्ज की भूमिका पुलिस की जांच में आ रही है। ऐसे में प्रबंधन अपनी साख बचाने के लिए मुआवजा देने को तैयार हुआ। मीना यादव के लॉकर में उनकी बहन के भी गहने थे। ऐसे में उन्हें 50 लाख का भुगतान किया जा रहा है।पीड़ित – दावा – भुगतान
मंजू भट्टाचार्य – 30 लाख – 25 लाख
एसके पोद्दार – 30 लाख – 25 लाख
राजाबेटी गुप्ता – 35 लाख – 25 लाख
निर्मला तहलियानी – 35 लाख – 25 लाख
अमिता गुप्ता – 43.56 लाख 25 लाख
मीना यादव 80 लाख – 50 लाख
सीता गुप्ता – 20 लाख – 17.5 लाख
सुशीला शर्मा – 42 लाख – 25 लाख
पंकज गुप्ता – 35 लाख – 25 लाख
वैभव माहेश्वरी – 25 लाख – 20 लाख
महेंद्र सविता – 02 लाख – 02 लाख ।