scriptमहागठबंधन की आहट देख अनुप्रिया डरीं, मां से मिलने के लिए कानपुर पहुंची बेटी | central minister anupriya patel spend time with her mother in kanpur | Patrika News

महागठबंधन की आहट देख अनुप्रिया डरीं, मां से मिलने के लिए कानपुर पहुंची बेटी

locationकानपुरPublished: Jul 26, 2018 03:39:58 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

अनुप्रिया ने मां से मांगा आर्शीवाद, आठ घंटे तक दोनों बीच हुई बातचीत

central minister anupriya patel spend time with her mother in kanpur

महागठबंधन की आहट से डरी केंद्रीय मंत्री, मां को मनाने के लिए कानपुर आईं अनुप्रिया

कानपुर। लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है और राजनीतिक दल एक दूसरे को चुनावी अखाड़े में चित करने के लिए दांव पेंच आजमा रहे हैं। वहीं देश के कई राजनीतिक परिवारों के अंदर कलह की खबरें आ रही हैं और उन्हें खत्म करने के लिए नेता दूरियां मिटाने के लिए गए हैं। ऐसा ही एक परिवार अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल का है। जहां पिछले कई साल से लगातार मां और बेटी के बीच टकरार चल रही हैं। मां कृष्णा ने अपने पति की जयंती बनारस में मना बेटी अनुप्रिया पटेल को को सियासी ताकत दिखा उन्हें हराने के लिए हुंकार भर चुकी हैं। इसी के चलते देरशाम केंद्रीय मंत्री कानपुर पहुंची और नवाबगंज स्थित अपने पैतृक निवास जाकर मां से करीब आठ घंटे तक अकेले में बातचीत कर उनसे आर्शीवाद मांगा।
जयंती के बाद मां से की मुलाकात
पिछले डेढ़ साल से अपन दल के संस्थापक सोनेलाल की विरासत को लेकर मां कृष्णा और बेटी अनुप्रिया के बीच लगातार सियासी जंग जारी है। दो जुलाई को जहां कृष्णा पटेल ने बनारस में अपने पति की जयंती मनाई तो वहीं बेटी ने लखनऊ में पिता को श्रृद्धांजलि दी। मां कृष्णा के मंच पर यूपी के विपक्षी दलों के कई नेता मौजूद थे तो बेटी के साथ केंद्र व राज्य सरकार के मंत्री व जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। लेकिन बनारस के मंच से मां कृष्णा ने सीधे-सीधे दो-दो हाथ करने का ऐलान कर बेटी अनुप्रिया को हिला दिया। मिर्जापुर सहित कई कुर्मी बाहूल्य सीटों में कृष्णा पटेल ने विपक्ष का साथ देने की घोषणा कर दी। इसी के चलते बुधवार को केंद्रीय मंत्री अपने काफिले के साथ पहले सर्किट हाउस पहुंची और फिर अकेले मां से मिलने के लिए घर आई।
सिर्फ मिला आर्शीवाद
अहिरवां एयरपोर्ट से केंद्रीय मंत्री सीधे नवाबगंज स्थित अपनी मां कृष्णा पटेल के आवास पर पहुंचीं। यहां मंत्री ने अपने स्टाफ को सर्किट हाउस भेज दिया। पार्टी नेताओं को भी उन्होंने अपने पास नहीं रुकने दिया। ऐसा समझा जाता है कि अनुप्रिया पटेल अपनी मां को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटी हैं। देर रात श्रमशक्ति एक्सप्रेस से केंद्रीय मंत्री दिल्ली चली गईं। इस संबंध में जब केंद्रीय मंत्री की मां कृष्णा पटेल से बात की गई तो उनका कहना था कि वह अपनी मां से मिलने आयी हैं। मां और बेटी कभी भी मिल सकती हैं। रिश्ते को सियासत से दूर रखना चाहिए। हम अपने पति के बनाए रास्ते पर चल रही हैं और गरीब, पिछड़ों, दलितों और मुस्लिम समाज की आवाज उठाती रहेंगी। जबकि बेटी ने अपनी डरग दूसरी चुनी है। जीत-हार का फैसला जनता पर छोड़ देना चाहिए।
अनुप्रिया का राजनीतिक कॅरियर
भाजपा से गठजोड कर 2014 में मिर्जापुर संसदीय सीट से सांसद बनीं अपना दल की अनुप्रिया पटेल को नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री हैं। अनुप्रिया इससे पहले 2012 में वाराणसी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली विधानसभा सीट रोहनियां से विधायक चुनी गई थीं। अनुप्रिया पटेल का जन्म कानपुर में 28 अप्रैल 1981 को हुआ था। अनुप्रिया पटेल ने लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमेन एमिटी विश्वविद्यालय और कानपुर विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने मनोविज्ञान में परास्नातक डिग्री हासिल की है। उन्होंने एमबीए कर एमिटी विश्वविद्यालय में पढ़ाया भी है। पिता की मृत्यु के बाद अक्टूबर 2009 में उन्हें अपना दल का महासचिव बनाया गया। उनकी मां कृष्णा पटेल दल की अध्यक्ष बनीं। 2014 में रोहनियां विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में टिकट को लेकर मां से हुए विवाद के बाद अनुप्रिया पटेल और उनके कुछ समर्थकों को कृष्णा पटेल ने अपना दल से निष्कासित कर दिया। मां और बेटी अपना दल के लिए लड़ रही हैं। विधानसभा चुनाव के वक्त अनुप्रिया पटेल ने अपना दल एस नाम की पार्टी का गठन कर चुनाव में उतरी थीं।
वो मेरी नहीं हुई तो मोदी की क्या होगी
2014 में जब अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाया गया था उसी दिन कानपुर में मां कृष्णा पटेल ने कहा था कि जो बेटी अपनी मां की सगी नहीं हुई, वह मोदी या किसी दूसरे की कितनी सगी होगी। मां ने कहा कि लालच का घड़ा फूटेगा, तो सब कुछ खुद ही साफ हो जाएगा। इसी के बाद मां और बेटी के बीच टकरार बढ़ती गई। अपना दल के कुछ नेता मां और बेटी की दुरियां कम करने की कोशिश की, जो विधान परिषण चुनाव के वक्त सुलझती दिख रही थीं। अनुप्रिया बीमार मां को देखने के लिए कानपुर आई और विपक्ष का साथ छोड़ बेटी को आर्शीवाद देने की गुहार लगाई। पर मां कृष्णा ने एक शर्त रख दी। उन्होंने दूसरी बेटी को विधान परिषद का सदस्य बनाए जाने को कहा, पर अनुप्रिया ने अपने पति को विधायक बना दिया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो