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सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की कार्ययोजना, अब सर्दियों में प्रदूषण का स्तर होगा कम

locationकानपुरPublished: Oct 12, 2018 03:40:03 pm

गौरतलब है कि सर्दियां आते ही कानपुर की हवा इस कदर ‘जहरीली’ हो जाती है कि इसके चर्चे पूरे देश में होने लगते हैं, लेकिन इस बार इस प्रदूषण को कम करने के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने पहले ही कमर कस ली है.

Kanpur

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की कार्ययोजना, अब सर्दियों में प्रदूषण का स्तर होगा कम

कानपुर। गौरतलब है कि सर्दियां आते ही कानपुर की हवा इस कदर ‘जहरीली’ हो जाती है कि इसके चर्चे पूरे देश में होने लगते हैं, लेकिन इस बार इस प्रदूषण को कम करने के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने पहले ही कमर कस ली है. मालूम हो कि 2017 की सर्दियों भी प्रदूषण के मामले में कई बार कानपुर दिल्ली को भी पछाड़ा था. इससे सबक सीखते हुए सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कानपुर सहित देश के सभी बड़े पॉल्यूटिंग शहरों को कड़े निर्देश जारी कर दिए गए हैं. क्‍या-क्‍या तय किया गया है इन निर्देशों के तहत, आइए जानें.
तय किया गया है कुछ ऐसा
इस क्रम में प्रदूषण फैलाने वाले 7 बड़े कारकों को कम करने के लिए टाइम लाइन तय कर दी गई है. वहीं रेस्टोरेंट व ढाबे में कोयला, सड़कों पर कूड़ा आदि जलाने पर रोक लगा दी गई है. नगर निगम, आरटीओ सहित अन्य विभागों को 30 दिन में इस पर कार्य करने के निर्देश दे दिए गए हैं.
इस श्रेणी में है कानपुर
पूरे देश में कानपुर को नॉन अटेनमेंट सिटीज की श्रेणी में शामिल किया गया है. इस श्रेणी में उन शहरों को शामिल किया जाता है, जहां एसपीएम को लेवल 10 से ज्यादा है. इसका मतलब यह है कि शहर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक है और इसके कम किया जाना अतिआवश्यक है. बता दें कि सर्दियों में सबसे अधिक प्रदूषण वाहनों, कूड़ा जलाना और सड़कों पर धूल उडऩे से होता है. इसे कम करने के लिए आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस, नगर निगम और एनएचएआई को खास तौर पर निर्देश दिए गए हैं.
ऐसी है कार्य योजना

1. व्हीकल इमिशन कंट्रोल

– प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस को कार्रवाई करना.

– प्रदूषण फैलाने से सचेत करने के लिए डीआईओएस, बीएसए, आरटीओ द्वारा पब्लिक कैंपेन चलाया जाना.
– 90 दिन में सड़कों की मरम्मत और इसके गड्ढे भरने के निर्देश केडीए, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी को.

– एक्सप्रेस-वे और बाईपास के निर्माण में धूल आदि पर कंट्रोल करने के लिए एनएचएआई को निर्देश.
2. रिसस्पेंशन ऑफ रोड डस्ट

– 90 दिन में व्यस्ततम सड़कों पर ग्रीन बफर जोन बनाने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश.

– 180 दिन में नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और केडीए को सड़कों और फुटपाथ की खाली जगह भरने के निर्देश.
3. कंट्रोल ऑफ इमिशन फ्रॉम बायोमास

– 90 दिन में पराली, कूड़ा और पत्तियां जलाने से रोकने के लिए नगर निगम और कृषि विभाग को निर्देश.

– म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट को जलाने से रोकने और कंट्रोल के लिए नगर निगम को निर्देश.
4. कंट्रोल ऑफ इंडस्ट्रियल इमिशन

– ईंट भट्टों में जलाए जाने वाले फ्यूल की लगातार मॉनिटरिंग और कंट्रोल के लिए एसडीएम व पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को निर्देश.

– प्रदूषण के मानकों की अनदेखी करने वाली इंडस्ट्रीज को 60 दिन में बंद कराने के निर्देश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को.
5. निर्माणाधीन क्षेत्रों में प्रदूषण कम करने के लिए

– इमारतों के निर्माण और उनके डिमोलेशन में 2 हफ्ते में कार्ययोजना बनाकर लगातार कार्रवाई करने के निर्देश.

– निर्माण सामग्री आने और ले जाने में कवर्ड गाड़ी का प्रयोग करने के निर्देश.
6. पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए अन्य कदम

– एलपीजी और पीएनजी गैस के प्रयोग के लिए 100 परसेंट सप्लाई करने के लिए डीएसओ को निर्देश.

– शहर में लगे जेनरेटर सेट्स से निकलने वाले खतरनाक धुएं को दूर करने के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को निर्देश.
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