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रसायन विज्ञान के छात्रों के सामने आयी मुश्किल, रिजल्ट पर पड़ रहा असर

locationकानपुरPublished: Dec 06, 2019 01:52:36 pm

केमिस्ट्री लैब के केमिकल्स पर महंगाई का असर खाली पड़ी हैं लैब, कैसे प्रयोग करेंगे छात्र

रसायन विज्ञान के छात्रों के सामने आयी मुश्किल, रिजल्ट पर पड़ रहा असर

रसायन विज्ञान के छात्रों के सामने आयी मुश्किल, रिजल्ट पर पड़ रहा असर

कानपुर। महंगाई का असर स्कूल कॉलेजों के संसाधनों पर भी पड़ रहा है। जिसके चलते पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यही समस्या केमिस्ट्री लैब से जुड़ी हुई है। शहर के इंटर कालेजों में रसायन विज्ञान की लैब में केमिकल्स के कंटेनर खाली पड़े हैं। प्रैक्टिकल के नाम पर सिर्फ खानापूरी होती है। छात्रों को केवल केमिकल्स के नाम याद हैं, उनका रंग और गंध के बारे में वे कुछ नहीं जानते। प्रयोगशालाओं में भी केवल थ्योरी से ही काम चलाया जा रहा है। ऐसे में प्रयोगात्मक परीक्षा के दौरान वे पिछड़ जाते हैं और इसका असर उनके रिजल्ट पर पड़ रहा है।
लगभग खत्म हो गईं केमिस्ट्री लैब
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के विद्यालयों में धीरे-धीरे रसायन विज्ञान की लैब लगभग खत्म होती जा रही है। महंगे होते केमिकल्स और केमिस्ट्री की लैब में उपयोग में लाए जाने वाले उपकरणों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। जिसके चलते से प्रैक्टिकल नहीं कर पा रहे हैं। केमिकल्स के बारे में पढक़र काम चलाते हैं पर केमिकल पहचानते नहीं हैं।
मामूली फीस के कारण खड़ी हुई समस्या
वर्षों से विज्ञान शुल्क के नाम पर मामूली फीस ही वसूली जाती है। एक छात्र से प्रतिमाह तीन विषयों के लिए विज्ञान शुल्क के रूप में मात्र पांच रुपए लिए जाते हैं। एक कक्षा में अधिकतम ५० से ६० छात्र ही होते हैं। ऐसे में ३०० रुपए से ज्यादा जमा नहीं हो पाता है, दूसरी ओर अनुदान भी पुराना ही मिल रहा है, जिस कारण केमिकल्स की पर्याप्त मात्रा में खरीद मुश्किल हो जाती है।
परीक्षा परिणाम होता खराब
नगर के सभी अनुदानित कॉलेजों में से महज १० फीसदी में रसायन प्रयोगशालाएं ही ऐसी हैं, जहां छात्र विधिवत प्रयोग कर सकते हैं। इन विद्यालयों में भी हर साल रसायनों की खरीद न होने से किसी भी टेस्ट में अच्छे रिजल्ट की उम्मीद नहीं की जा सकती। बीएनएसडी इंटर कॉलेज के रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष बी सिंह ने बताया कि रसायन विज्ञान की लैब का रखरखाव हर तीन महीने में करना पड़ता है। फिजिक्स और बायो में हर साल खरीदारी न भी हो तो काम चल सकता है।
यह है रसायनों के रेट
रसायन विज्ञान की प्रयोगशालाओं में अमोनियम क्लोराइड रुपए 350-500 (प्रति 500 ग्राम), कैल्शियम कारबोनेट रुपए 390-480 (प्रति 500 ग्राम), फेरस सल्फाइड रुपए 800-900 (प्रति 01 किग्रा), सोडियम कारबोनेट रुपए 400-500 (प्रति 500 ग्राम), ऑक्जेलिक एसिड रुपए 380-500 (प्रति 500 ग्राम) के अलावा आर ट्यूब (06 एमएम) रुपए 20-25 रुपए, स्प्रिट लैंप थ्रेड रुपए 100-140 प्रति थ्रेड पैक, लैब ग्लब्ज 40-80 रुपए प्रति ग्लव्ज, पिपेट 70-100 रुपए।
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