scriptफेफड़े के कैंसर में कीमोथेरेपी का विकल्प बनेगी कीमो टेबलेट | Chemo tablet will give relief to patients suffering from lung cancer | Patrika News

फेफड़े के कैंसर में कीमोथेरेपी का विकल्प बनेगी कीमो टेबलेट

locationकानपुरPublished: Aug 19, 2019 11:33:09 am

चेस्ट अस्पताल और कैंसर संस्थान में मरीजों पर ट्रायल शुरू पहले चरण के नतीजे उत्साहजनक, नवंबर में जारी होगी रिपोर्ट

Chemo tablet

फेफड़े के कैंसर में कीमोथेरेपी का विकल्प बनेगी कीमो टेबलेट

कानपुर। कैंसर के इलाज के दौरान दी जाने वाली कीमोथेरेपी मरीजों के लिए बेहद तकलीफदेह होती है। कानपुर के डॉक्टरों ने मरीजों को इससे राहत दिलाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। जिसमें सबसे पहले फेफड़ों के कैंसर से पीडि़त मरीजों को परम्परागत कीमोथेरेपी की जगह कीमो टेबलेट दी जाएगी।
शहर में शुरू हुआ ट्रायल
शहर के मुराली लाल चेस्ट अस्पताल और जेके कैंसर संस्थान के विशेषज्ञों ने मरीजों पर कीमो टेबलेट का ट्रायल शुरू किया है। जिसके बेहतर नतीजे मिल रहे हैं। इसकी डिटेल रिपोर्ट नवंबर में जारी की जाएगी। जिसके बाद इसे कीमोथेरेपी के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगेगा।
दोनों तरीकों की तुलना
कैंसर के मरीजों पर कीमोथेरेपी के दोनों तरीकों पर अध्ययन किया जा रहा है। शोधकर्ता डॉक्टर एवं चेस्ट अस्पताल केे एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अवधेश कुमार और जेके कैंसर संस्थान के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. जीतेंद्र वर्मा का कहना है कि ट्रायल के लिए मरीजों के दो समूह बनाए गए हैं। एक समूह को पुराने तरीके से कीमोथेरेपी दी जा रही है और दूसरे समूह को कीमो टेबलेट। यह देखा जा रहा है कि कौन सा तरीका ज्यादा कारगर है।
टेबलेट लेना ज्यादा सही
डॉक्टरों का कहना है कि कैंसर पीडि़त मरीज इंजेक्शन के जरिए कीमोथेरेपी ज्यादा लंबे समय तक नहीं करा सकता है। इंजेक्शन में एक दो कोर्स के बाद मरीज आगे इंजेक्शन बर्दाश्त करने लायक नहीं रहता है। जबकि २५० मिलीग्राम की कीमो टेबलेट जीवन भर या जब तब बीमारी है, तब तक ले सकते हैं।
रुक जाता है ट्यूमर का विकास
कीमो टैबलेट फेफड़ों में कैंसर कोशिकाओं के विकास को पूरी तरह रोक देती है। इसमें एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर (ईजीएफ) नाम का एक प्रोटीन होता है जो कोशिकाओं का विकास करता है। यह शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है, लेकिन ट्यूमर कोशिकाएं इस प्रोटीन के निर्माण को तेज कर देती हैं। इसके चलते ही नई ट्यूमर कोशिकाएं बनने लगती हैं और कैंसर फैलने लगता है। कीमो टैबलेट में ईजीएफ और अन्य तत्व हैं। यह खून में घुलते ही प्रतिरोधी तंत्र, ईजीएफ के बढ़ते असर को रोकने के लिए एंटीबॉडीज बनाने लगता है। इससे ट्यूमर का विकास बंद हो जाता है।
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