scriptकई घंटों तक २५ बच्चों को बंधक बनाने वाला शातिर ढेर, बच्चे सुरक्षित | Children held hostage in Farrukhabad died in encounter | Patrika News

कई घंटों तक २५ बच्चों को बंधक बनाने वाला शातिर ढेर, बच्चे सुरक्षित

locationकानपुरPublished: Jan 31, 2020 03:06:36 pm

सीएम ने इसे दिया ऑपरेशन मासूम का नाम१० घंटे तक मशक्कत के बाद पुलिस हुई सफल

कई घंटों तक २५ बच्चों को बंधक बनाने वाला शातिर ढेर, बच्चे सुरक्षित

कई घंटों तक २५ बच्चों को बंधक बनाने वाला शातिर ढेर, बच्चे सुरक्षित

कानपुर। फर्रुखाबाद जिले की मोहम्मदाबाद कोतवाली इलाके में जन्मदिन के बहाने २५ बच्चों को घर बुलाकर बंधक बनाने वाले शातिर बदमाश को पुलिस ने मार गिराया। इस मशक्कत में पुलिस को १० घंटे लग गए। इस कवायद में बदमाश के हमले से कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे ऑपरेशन मासूम का नाम दिया था। सीएम की इस ऑपरेशन पर नजर रही।
साजिश रचकर बनाया था बंधक
करथिया गांव निवासी सुभाष बाथम एक शातिर बदमाश था। उसने गुरुवार दोपहर घर पर अपनी बेटी गौरी का जन्मदिन होने के नाम पर गांव के बच्चों को बुलाया था। दोपहर तीन बजे तक उसने गांव के 25 बच्चों को इक_ा कर लिया। फिर उसने सभी बच्चो को घर में बंद कर लिया। काफी देर तक जब बच्चे घर नहीं लौटे तो पड़ोसी आदेश की पत्नी बबली अपनी पुत्री खुशी और बेटे आदित्य को बुलाने के लिए उसके घर पहुंच गई। उसने दरवाजा खटखटाया तो सुभाष ने खोलने से मना कर दिया। जब उसने ज्यादा जिद की तो उसने कहा कि पहले गांव के लालू को बुलाकर लाओ। जब उसने मना किया तो वह गाली गलौज करने लगा। इस पर बबली अपने घर आई और परिजनों को जानकारी दी।
पुलिस पर हमला कर किया घायल
बच्चों के अगवा होने की खबर गांव वालों ने पुलिस को दी। सूचना पर गांव पहुंची यूपी 112 के जवानों ने दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया। कहा कि अपनी समस्या बताओ उसका निदान किया जाएगा। लेकिन उसने तब भी दरवाजा नहीं खोला। परेशान होकर यूपी 112 के सिपाहियों ने कोतवाली इंस्पेक्टर को खबर दी। इंस्पेक्टर राकेश कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। जब उन्होंने दरवाजा खोलने को कहा तो शातिर अपराधी ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इतना ही नहीं उसने अंदर से हैंड ग्रेनेड भी फेंका, जिसमें इंस्पेक्टर, पीआरवी के दीवान जयवीर और सिपाही अनिल घालय हो गए। इससे पुलिस पीछे हट गई।
विधायक पर झोंका फायर, दो घायल
इस जानकारी पर अपहरणकर्ता सुभाष को समझाने के लिए क्षेत्रीय विधायक नागेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में लाउड स्पीकर से उसे समझाने का प्रयास किया तो उसने फायर झोंक दिया। विधायक को भी पीछे हटना पड़ा। फायरिंग गांव के अनुपम दुबे और विवेक की पत्नी विनीता घायल हो गईं। बच्चों के बंधक बनाने से परिजन का बुरा हाल था। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था। सभी अपने-अपने बच्चों की सलामती की दुआ मांग रहे थे। इस घटना की जानकारी के बाद पुलिस के आला अफसर व प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए।
ये थे घर के अंदर बंधक बच्चे
जिन बच्चों को सुभाष ने बंधक बनाय था उनमें आरती पुत्री आनंद, सोनी, रोशनी पुत्री सत्यभान, अरुण, अंजली, लवी पुत्र नरेंद्र, भानु पुत्र मदनपाल, खुशी, मुस्कान, आदित्य पुत्र पंछी, विनीत पुत्र रामकिशोर, पायल, प्रिंटर पुत्र नीरज, प्रशांत, नैनसी पुत्री मुकेश, आकाश, लक्ष्मी पुत्री ब्रजकिशोर, अक्षय पुत्र अरुण, गौरी पुत्री लालजीत, सोनम, लवकुमार, शबनम पुत्री आदेश, गंगा, जुमना पुत्री आशाराम के अलावा मुकेश का भांजा कृष्णा शामिल है।
पहले बिस्कुट, सिगरेट फिर आवास मांगा
बच्चों को बंधक बनाने वाले ग्रामीण सुभाष ने बिस्कुट व सिगरेट की मांग पूरी होने के बाद देर रात प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिलाने की मांग की। वहां मौजूद अधिकारियों ने आवास दिए जाने का आश्वासन देकर बच्चों को मुक्त किए जाने बात कही, इसके बाद भी सुभाष ने बच्चों को मुक्त नहीं किया। सिगरेट पहुंचाने के दौरान उसकी आवाज से लगा रहा था कि वह और अधिक नशे में हो गया है। इससे आशंका जताई गई कि वह अंदर बैठा शराब पीता रहा।
आपे से बाहर हुए गांव वालो ंने बोला हमला
बंधक बनाए गए बच्चों को मुक्त कराने के लिए गांव के लोगों ने ईंटों व हथौड़े से गेट तोड़ दिया। पुलिस के घर के अंदर घुसते ही सुभाष ने फायरिंग शुरू कर दी। इसमेें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। जवाबी कार्रवाई में सुभाष की मौत हो गई। इस दौरान सुभाष की पत्नी घायल हो गई। पुलिस ने पत्नी व बच्चे को कब्जे में लिया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो