तीन राज्यों से आए बच्चे हुए शामिल
विज्ञान भारती के इंटर स्टेट साइंस एण्ड टिकरिंग फेस्ट के अन्तर्गत आईआईटी के आउटरीच में स्कूली बच्चों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। बड़ी संख्या में बच्चों ने यहां के विभिन्न विभागों में भी प्रदर्शनी लगाई। यहां तीन राज्यों से आए सैकड़ों बच्चों ने अपने मॉडल के माध्यम से भविष्य के अपने देश की समस्याओं के समाधान और जरूरतों पर मॉडल प्रस्तुत किए। छात्रों ने विभाग की लैब भी देखीं। छात्रों को वापसी पर एक विशेष किट भी दी गई जिसका वे घरों में उपयोग कर सकेंगे।
विज्ञान भारती के इंटर स्टेट साइंस एण्ड टिकरिंग फेस्ट के अन्तर्गत आईआईटी के आउटरीच में स्कूली बच्चों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। बड़ी संख्या में बच्चों ने यहां के विभिन्न विभागों में भी प्रदर्शनी लगाई। यहां तीन राज्यों से आए सैकड़ों बच्चों ने अपने मॉडल के माध्यम से भविष्य के अपने देश की समस्याओं के समाधान और जरूरतों पर मॉडल प्रस्तुत किए। छात्रों ने विभाग की लैब भी देखीं। छात्रों को वापसी पर एक विशेष किट भी दी गई जिसका वे घरों में उपयोग कर सकेंगे।
विनेगर से बना बैग
सनबीम स्कूल के कार्तिकेय ने एक ऐसा बैग तैयार किया है जिसमें खाने का सामान लाने के बाद उसे खाया भी जा सकता है। यह बैग स्टार्च, विनेगर, गिलिसराल और पानी को एक खास अनुपात में मिलाकर तैयार किया गया है। इसके अलावा एक छात्र ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक मॉडल बनाया। जबकि कुछ छात्रों ने स्पेस से जुड़े मॉडल पेश किए।
सनबीम स्कूल के कार्तिकेय ने एक ऐसा बैग तैयार किया है जिसमें खाने का सामान लाने के बाद उसे खाया भी जा सकता है। यह बैग स्टार्च, विनेगर, गिलिसराल और पानी को एक खास अनुपात में मिलाकर तैयार किया गया है। इसके अलावा एक छात्र ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक मॉडल बनाया। जबकि कुछ छात्रों ने स्पेस से जुड़े मॉडल पेश किए।
बिना डीजल के चलने वाला ग्रास कटर
जयपुरिया स्कूल के 10वीं के कुशाग्र ढींगरा ने सोलर ग्रास कटर बनाए हैं। दो तरह के ग्रास कटर की लागत मात्र तीन हजार रुपए आई है। इससे न सिर्फ डीजल की बचत होगी बल्कि पर्यावरण भी काफी हद तक सुरक्षित रहेगा। इस ेकाफी पसंद किया गया। फर्रुखाबाद के एक छात्र ने अत्याधुनिक ग्रीन हाउस बनाया है। इसमें लगे सेंसर पौधों की आवश्यकता के अनुसार उसे उसकी डायट देते रहेंगे। ऑक्सीजन या कार्बन डाईऑक्साइड भी जरूरत पर मिलेगी और यदि अधिक है तो बाहर चली जाएगी।
जयपुरिया स्कूल के 10वीं के कुशाग्र ढींगरा ने सोलर ग्रास कटर बनाए हैं। दो तरह के ग्रास कटर की लागत मात्र तीन हजार रुपए आई है। इससे न सिर्फ डीजल की बचत होगी बल्कि पर्यावरण भी काफी हद तक सुरक्षित रहेगा। इस ेकाफी पसंद किया गया। फर्रुखाबाद के एक छात्र ने अत्याधुनिक ग्रीन हाउस बनाया है। इसमें लगे सेंसर पौधों की आवश्यकता के अनुसार उसे उसकी डायट देते रहेंगे। ऑक्सीजन या कार्बन डाईऑक्साइड भी जरूरत पर मिलेगी और यदि अधिक है तो बाहर चली जाएगी।
बिजली बनाने वाला टॉयलेट
रौदास कुमार ने एक ऐसा स्मार्ट टॉयलेट तैयार किया है, जिसमें मूत्र से बिजली बनाने की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। जबकि जयपुरिया के ही वाल्सत्य ने एक स्मार्ट मिरर बनाया, जिसमें चेहरा देखने के साथ ही मौसम की जानकारी भी पा सकेंगे।
रौदास कुमार ने एक ऐसा स्मार्ट टॉयलेट तैयार किया है, जिसमें मूत्र से बिजली बनाने की तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। जबकि जयपुरिया के ही वाल्सत्य ने एक स्मार्ट मिरर बनाया, जिसमें चेहरा देखने के साथ ही मौसम की जानकारी भी पा सकेंगे।