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बिना निर्माण मूल्यांकन पर्ची जारी

locationभोपालPublished: Dec 20, 2015 09:42:00 am

Submitted by:

suresh mishra

सिंगरौली। बिहरा ग्राम पंचायत में तीन कागजी पुलियाओं के निर्माण में किए गए फर्जीवाड़े में उपयंत्री सोनल श्रीवास्तव की संलिप्तता उजागर हो गई है। उपयंत्री ने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर अधिक अग्रिम पर्ची मूल्यांकन राशि जारी करवा दी। नतीजतन, सरपंच व सचिव ने उक्त राशि आहरित कर ली। उपयंत्री की मिलीभगती से सरकार को […]


सिंगरौली।
बिहरा ग्राम पंचायत में तीन कागजी पुलियाओं के निर्माण में किए गए फर्जीवाड़े में उपयंत्री सोनल श्रीवास्तव की संलिप्तता उजागर हो गई है। उपयंत्री ने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर अधिक अग्रिम पर्ची मूल्यांकन राशि जारी करवा दी। नतीजतन, सरपंच व सचिव ने उक्त राशि आहरित कर ली। उपयंत्री की मिलीभगती से सरकार को लगभग सवा दो लाख की चपत लगी है।

जांच में सामने आई हकीकत
बिहरा ग्राम पंचायत क्षेत्र में 1.80 लाख रुपए की लागत से बनाए जाने वाले रामसागर तालाब से सिद्धनाथ बाबा पहुंच मार्ग नींव खुदाई स्तर बाद बंद पाया गया, लेकिन उपयंत्री सोनल श्रीवास्तव ने 1.20 लाख रुपए का पर्ची मूल्यांकन कर दिया। चुलहवा नाला पर 1.80 लाख रुपए के पुलिया निर्माण में से 1.50 लाख रुपए का पर्चीमूल्यांकन कर दिया गया, जबकि उक्त कार्य स्टिर्निंग वॉल स्तर पर पाया गया। निर्माण कार्य एस्टीमेट विरुद्ध पाया गया। फाटपानी पुलिया के पास 1.80 लाख रुपए के पुलिया निर्माण में से भी 1.20 लाख रुपए उपयंत्री के मूल्यांकन पर्ची के जरिए निकाले गए, जबकि जांच प्रतिवेदन में यहां केवल दो कांक्रीट वॉल निर्मित हैं।

डेढ़ लाख की मूल्यांकन पर्ची जारी
जिपं की ओर से जनपद पंचायत बैढऩ द्वारा दिए गए नोटिस के जवाब के बाद उपयंत्री सोनल श्रीवास्तव की इन कार्यों में मिलीभगत बाहर आ गई। स्पष्टीकरण के बाद जिपं सीईओ ने उपयंत्री के जवाब को असंतोषप्रद माना है। उन्होंने स्पष्ट कहा, पुलिया निर्माण चुलहवा नाला के सम्बंध में बिना कार्य ही पर्ची मूल्यांकन जारी कर दिया गया, जबकि वे खुद भी जनपद स्तरीय जांच दल के साथ गई थी। रिटेनिंग वॉल स्तर के कार्य मेें डेढ़ लाख की मूल्यांकन पर्ची जारी कर दी। जबकि तत्कालीन कलेक्टर ने 50 हजार रुपए अग्रिम पर्ची मूल्यांकन राशि जारी करने के निर्देश दिए थे। इधर, रामसागर नाला नींव स्तर का ही था। फाटपानी नाला में केवल दो क्रॉक्रीट वॉल निर्मित है। इसके बावजूद 1/12/2014 को 1.20 लाख रुपए अग्रिम जारी क्यों किए गए, उपयंत्री द्वारा कारणों को स्पष्ट नहीं किया गया है।

सवा दो लाख की चपत
जिला पंचायत की ओर से उपयंत्री को शासकीय राशि 2,18,322 रुपए के दुरुपयोग का दोषी एवं सेवा शर्तों का उल्लंघन मानते हुए अंतिम नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सूत्रों के अनुसार, इस मौके के बाद संविदा पर कार्यरत सोनल श्रीवास्तव को हटाया जा सकता है। गौरतलब है कि पत्रिका ने अक्टूबर में बिना काम भुगतान उठाए जाने के इस गड़बड़झाले को क्रमवार प्रकाशित किया था। इस मामले में सरपंच/सचिव को भी नोटिस जारी किए गए थे।
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