वहीं दूसरे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोरोना वार्ड को अस्पताल के मुख्य भवन से अलग रखने का निर्देश जारी हुआ तो उसे ट्रामा सेंटर के खाली भवन में शिफ्ट कर दिया गया है। शासन से ढाई लाख का बजट मिलने के बावजूद यहां पर अब तक निर्धारित मानक 60 फीसदी अल्कोहल बेस्ड सेनेटाइजर नहीं आ सके हैं। हालात यह हैं कि जिला अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा भी नहीं है। अगर कोई मरीज कोरोना संक्रमित पाया जाएगी उसे रेफर ही करना पड़ेगा।
वहीं जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ आरए मिर्जा ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क और एल्कोहोल बेस्ड सेनेटाइजर जल्द पहुंच जाएंगे। जल्द वितरण करा दिए जाएंगे। शासन के निर्देश पर मुख्य भवन से अलग वार्ड बना दिया गया है। कोरोना संदिग्ध की जांच का यहां कोई इंतजाम नहीं है। इसकी जांच लखनऊ में ही होती है। अभी तक ऐसा कोई संदिग्ध नहीं आया है।