लोन की मिली स्वीकृति
यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी कुमार केशव ने बताया कि पहले चरण में मेट्रो दौड़ाने के लिए कोई बाधा नहीं है। जमीन और धन से जुड़ी सभी दिक्कतें खत्म हो चुकी हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भी लोन की स्वीकृति प्रदान कर दी है। कहा कि आज से निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इसके बाद तेजी से काम होगा। सवा साल के अंदर पूरे कॉरीडोर पर काम शुरू हो जाएगा। हमें सौ फीसदी उम्मीद है कि आईआईटी से मोतीझील के बीच नवंबर 2021 में मेट्रो दौड़ना शुरू कर देगी।
कहीं नहीं कोई विवाद
कुमार केशव ने बताया कि वित्तय मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद अब यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक से लोन लेने पर बातचीत चल रही है। इस बैंक ने लखनऊ मेट्रो को लेकर भी लोन दिया था। स्थानीय निकायों से मिलने वाले अंशदान पर बोले कि पांच साल प्रोजेक्ट चलना है। स्थानीय निकाय अपने हिस्से का 350 करोड़ का अंशदान जरूर देंगे। गौरतलब हो कि स्थानीय निकाय के अंशदान में केडीए को 100 करोड़ की धनराशि देनी थी लेकिन बाद में उसने इनकार कर दिया था। हालांकि यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी ने आशा जताई है कि इसको लेकर कहीं कोई दिक्कत नहीं आएगी।
बनेंगे काॅरीडोर
कुमार केशव ने बताया कि पहला कॉरीडोर आईआईटी से नौबस्ता तक होगा। 23.8 किलोमीटर लंबे इस कॉरीडोर में मोतीझील के बाद झकरकटी तक आठ स्टेशन अंडरग्राउंड बनेंगे। इसी तरह दूसरे कॉरीडोर में सीएसए से बर्रा आठ तक चार अंडरग्राउंड स्टेशन बनेंगे। फिर तीसरे काॅरीडोर पर कार्य होगा। एमडी ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार की इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए हमारी कोशिश जारी है और आज इसके शिलान्यास के बाद काम में और तेजी आएगी।
5 साल में पूरा करना है लक्ष्य
कुमार केशव ने बताया कि पहले चरण में नवंबर 2021 से मेट्रो चलने लगे इसके लिए जमीन पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। इसके बाद अगले तीन सालों में दोनों कॉरीडोर पर तेजी से काम होगा। 2024 तक प्रोजेक्ट को पूरा करने के प्रयास हैं। उन्होंने कहा कि जहां पर सड़क ज्यादा चैड़ी नहीं है, वहां पर कोशिश इसी बात की है कि पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुंचाकर मेट्रो से जुड़े निर्माण किये जाएं। एमडी के मुताबिक कानपुर जिला प्रशासन, नगर निगम, केडीए के सहयोग के चलते हम कह सकते हैं कि 5 सालों के बाद कानपुर के अनेक इलाकों के लोग मेट्रो में सफर कर सकेंगे।