छह एसी समेत कई सुविधाओं से लैस था सरकारी बंगला, खाली करते वक्त खंडहर में किया तब्दील
कानपुर•Jun 30, 2018 / 02:06 pm•
Vinod Nigam
25 साल से बंगले में किए हुए थे कब्जा, CMO पार कर ले गए टोंटी और दरवाजा
कानपुर। हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने सरकारी आवास खाली करने पड़े। जिसके बाद अधितकर पूर्व मुख्यमंत्रियों ने सरकारी बंगले खाली कर दिए। पर अखिलेश यादव घर छोड़ते समय वहां लगी नल की टोंटयां साथ ले गए, इस पर जबरदस्त सियासत हुई। भाजपा नेताओं ने उन पर टोंटी चोरी का आरोप लगाया। सफाई के लिए खुद अखिलेश को टोंटियों के साथ आना पड़ा। ऐसा ही एक मामला कानपुर में सामने आया। यहां कानपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी ने प्रशासन के दबाव के चलते सरकारी बंगला तो खाली कर दिया, लेकिन जाते-जाते नल की टोटियों के अलावा बंगले में जमकर तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं सीएमओ बंगले के अंदर छह एसी भी लगवाए थे। हर साजो सामान की व्यवस्था सरकारी पैसे से की हुई थी। सीएमओ इस बंगंले में पिछले 25 सालों से कब्जा किए हुए थे।
दबाव के चलते खाली करना पड़ा बंगला
मुख्य चिकित्सा अधिकारी पद पर तैनात डॉक्टर अशोक शुक्ला ने हैलट परिसर स्थित अपने दूसरे सरकारी बंगले को खाली करने के दौरान अखिलेश यादव की तर्ज पर सरकारी संपत्ति के साथ छेड़छाड़ कर दी। आरोप है कि सरकारी बंगले को छोड़ते वक्त उन्होंने रसोई और बाथरूम के नलों से एक-एक टोटी निकाल कर अपने साथ ले गए। उनके ऊपर आरोप लगाया गया है कि पंखा, ट्यूब लाइट, वॉश बेसिन और घर में बिजली बोर्ड तक उखाड़ कर अपने साथ चलते बने। अपने दूसरे सरकारी बंगले में कानपुर के सीएमओ छह एसी लगाकर अकेले रह रहे थे। मामले की जानकारी होने के बावजूद इस पर प्रशासन की तरफ से कोई बयान नहीं आया। नोडल अधिकारी ने बताया कि जिस वक्त किसी भी सरकारी अफसर को बंगला दिया जाता है, उस वक्त उन्हें जो सजो-सामान दिया जाता है। उसकी एक कॉपी हैंडओवर करने के दौरान अफसर को दी जाती है और दूसरी प्रतिलिपि विभाग के पास होती है।
पर कभी खाली नहीं किया
मेडिकल कालेज के एक अधिकारी के अनुसार हैलट अस्पताल परिसर में जीटी रोड की तरफ स्थित बंगला नंबर छह, 25 साल पहले हैलट के कैजुअलिटी मेडिकल आफीसर को एलाट हुआ था। इसी पद पर रहते हुए वे प्रोन्नत होकर मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) बन गए थे, पर वे उसी बंगले में रहते रहे। उनके तबादले के बाद दूसरे सीएमओ आए तो वह भी उसी में रहने लगे। यह क्रम अभी तक जारी है। मेडिकल कालेज के नोडल अधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर ने बताया कि यह बंगला कभी भी मुख्य चिकित्साधिकारी की आवंटित ही नहीं हुआ था, पर कभी खाली भी नहीं कराया गया। बंगले का बिजली का बिल भी हैलट प्रशासन ही देता रहा है। सूत्रों की मानें तो पूरा मामला सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है और पूरे प्रकरण की जांच जल्द से जल्द हो सकती है।
सब कुछ साथ ले गए सीएमओ
सीएमओ बंगला खाली करते समय बिजली के बोर्ड, बेसिन, टोटियां तक उखाड़ ले गए..साथ ही एक-एक कमरे की वायरिंग भी निकाली है। इसी तरह अन्य कमरों से भी बिजली के बोर्ड, दो शौचालयों से कमोड, नलों से टोटियां गायब थीं। एक शौचालय में कमोड लगा था, पर उसका फ्लश नहीं था किचन में बेसिन और दो टोटियां उखड़ी थीं, तीसरी टोटी लगी थी। पांच कमरों और तीन शौचालयों वाले अंग्रेजों के जमाने के इस बंगले के पहले कमरे की बिजली की वायरिंग उखड़ी थी। बिजली के तीनों बोर्ड, पंखे, एसी गायब थे। एक शौचालय में कमोड लगा था, पर उसका फ्लश नहीं था। किचन में बेसिन और दो टोटियां उखड़ी थीं, तीसरी टोटी लगी थी। सूत्रों की माने तो हैलट अस्पताल प्रशासन इस मामले को आगे तक ले जाने का मन बना चुका है। संभावना है कि एक बार फिर सीएमओ के बंगले का मामला कोर्ट तक जायेगा।