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कानपुर

राहगीरों की अटक गई सांसे, जब धड़धड़ाती हुई ट्रेन थी सामने और राहगीर क्रासिंग की पटरी पर, फिर जो हुआ….

गेटमैन ने क्रॉसिग की पटरियों पर फंसे वाहनों को हटवाकर फाटक बंद किया।

कानपुरJun 27, 2019 / 11:34 pm

Arvind Kumar Verma

crossing

राहगीरों की अटक गई सांसे, जब धड़धड़ाती हुई ट्रेन थी सामने और राहगीर क्रासिंग की पटरी पर, फिर जो हुआ….

कानपुर देहात-जनपद के झींझक रेलवे स्टेशन के पश्चिमी रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज न होने से आये दिन लोग संकट से जूझ रहे हैं। यहां तक कि लोग खतरों का सामना कर रहे हैं। दरअसल दिल्ली हावड़ा रेल रूट पर गुरुवार को झींझक रेलवे फाटक के खुलते ही पहले निकलने के चक्कर में वाहन ट्रैक पर फंस गए। उसी दौरान डाउन की मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल लाल देखकर ट्रेन को आउटर सिग्नल के पास रोक लिया। गेटमैन ने क्रॉसिग की पटरियों पर फंसे वाहनों को हटवाकर फाटक बंद किया। इसके बाद ट्रेन को रवाना किया जा सका। इसके पूर्व 22 जून को इन्हीं स्थितियों में क्रासिंग पर ही निकलने के चक्कर में जोगबनी एक्सप्रेस से राहगीर बाल बाल बच गए थे।
दरअसल बीते दिन झींझक रेलवे फाटक करीब आधा घंटे तक न खुलने के कारण फाटक के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी थी। जैसे ही 11 बजकर 25 मिनट पर गेटमैन शैलेन्द्र कुमार ने फाटक खोला तभी पहले निकलने के चक्कर में एक साथ कई वाहन पटरियों पर पहुंच गए और पटरियों पर जाम जैसी स्थित बन गई। कुछ ही वाहन निकल पाए थे कि तभी 11 बजकर 28 मिनट पर डाउन की एम्पटीबॉक्स मालगाड़ी आ गई। चालक ने लाल सिग्नल देखा तो ट्रेन को आउटर सिग्नल के पास रोक लिया। गेटमैन ने पटरियों पर फंसे वाहनों को हटवाकर फाटक बंद किया। इसके बाद 11 बजकर 35 मिनट पर ट्रेन को रवाना किया जा सका। स्टेशन अधीक्षक झींझक वेद प्रकाश ने बताया कि पटरियों पर वाहन फंसने के कारण शाम 11 बजकर 28 मिनट से 11 बजकर 35 मिनट तक करीब सात मिनट तक डाउन की एम्पटीबॉक्स मालगाड़ी खड़ी रही थी। फाटक बंद होते ही ट्रेन को रवाना किया गया।

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