शहर में पहला किचन
कोरोना पर जीत हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिन के लाॅकडाउन का ऐलान किया है। जिसके चलते शहर के सैकड़ों लोगों के सामनें दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया। इसी को ध्यान में रखते ही प्रदेश सरकार ने कम्युनिटी किचन खोले जाने का आदेश दिया था। इसी के तहत एक संस्था ने संस्था ने शहर में पहला किचन खोला है। संस्था के अध्यक्ष पियूष इस किचन का सारा खर्च खुद उठाते हैं। आधा दर्जन की टीम भोजन पकाती है और इतने ही लोग सड़क पर उतरकर भूखों को भोजन कराते हैं।
5 सौ लोगों के लिए पकता है भोजन
संस्था के सदस्य आयुष ने बताया कि इस वक्त 24 घंटे ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग के अलावा रोज कमाने खाने वालों के सामनें सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। इन्हें भोजन सहित अन्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए हमनें ‘कमनियुटी किचेन’ शुरू की है। जिसमें हरदिन 5 सौ लोगों लिए भोजन पकाया जाता है और उसे पैकेट के अंदर पैक कर इन्हें दिया जा रहा है।
खोलेंगे एक दर्जन से ज्यादा किचन
आयुष ने बताया कि आधा दर्जन लोग बिना पैसे के भोजन पका रहे हैं। खाद्य समाग्री वह स्वयं के पैसे से मुहैया कराते हैं। पियूष ने बताया कि रविवार तक शहर के कई इलाकों में ऐसे ही एक दर्जन किचेन और खोलें जाएंगे। जहां पर हर दिन 10 हजार लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था होगी। पियूष ने बताया कि भोजन की गुणवत्ता का खास ख्याल रखा जा रहा है और प्रशासन की गाइडलाइन को पूरी तरह से पालन होता है।
ताकि कोई भूखे पेट न सोए
पियूष कहते हैं कि देश इस वक्त सबसे ज्यादा संकट की घड़ी में गुजर रहा है। ऐसे में देश के अन्य लोगों को आगे आना चाहिए और सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलकर सहयोग करना चाहिए। पियूष ने कहा कि हमारा मकसद है कि कोई भी व्यक्ति भूखे पेट न सोए। साथ ही कोराना रूपी राक्षस से वह बचा रहे। पियूष खुद भोजन के पैकेट लेकर गली-मोहल्लों में जाते हैं और लोगों को देते हुए घर के अंदर रहने के लिए जागरूक कर रहे हैं।