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यहां इन उद्योगों पर हो सकती है बड़ी कार्यवाही, फैक्ट्री प्रबंधन में हड़कंप, वजह है गम्भीर

locationकानपुरPublished: Dec 14, 2018 11:20:18 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

तीन सदस्यीय टीम ने कानपुर देहात के रनियां व जैनपुर इंड्रस्टीयल एरिया की कई फैक्ट्रियों की जांच की है। करीब 16 फैक्ट्रियों को चिन्हित किया गया है।

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यहां इन उद्योगों पर हो सकती है बड़ी कार्यवाही, फैक्ट्री प्रबंधन में हड़कंप, बड़ी है वजह

कानपुर देहात-उद्योगों से निकलने वाली गंदगी से नदियों में बढ़ने वाले प्रदूषण को लेकर शासन ने निर्देश जारी किए हैं। प्रयागराज में शुरू होने वाले कुम्भ मेले को देखते हुए नदियों में बहने वाले पानी को निर्मल एवं साफ स्वच्छ बनाने के लिए गठित की गई तीन सदस्यीय टीम ने कानपुर देहात के रनियां व जैनपुर इंड्रस्टीयल एरिया की कई फैक्ट्रियों की जांच की है। प्रशासनिक जांच के दौरान इस औद्योगिक क्षेत्र की करीब 16 फैक्ट्रियों को चिन्हित किया गया है। जिन्हें प्रदूषणकारी की श्रेणी में रखा गया है। इसके बाद उपजिलाधिकारी सदर व प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने फैक्ट्री परिसर व रिन्द नदी के पानी के नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भिजवाया है। इसके बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। हालांकि इस मामले में बड़ी कार्यवाही होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
दरअसल जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर अकबरपुर उपजिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह रायपुर की धागा बनाने वाली फैक्ट्री जीपीएल तथा उसकी सहयोगी फार्म गनेशा इको स्पीयर के अतिरिक्त रायपुर की डाइंग, रनियां ब्लीचिंग वर्क्स, जैनपुर व खलीलपुर की जामा कारपोरेशन फैक्ट्री भी पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद टीम ने फैक्ट्री परिसर के अंदर पानी निकलने के स्थान के साथ उसके ट्रीटमेंट व्यवस्था का बारीकी से निरीक्षण भी किया। इस दौरान टीम ने उस पानी के नमूने भी संकलित किये। इसके पश्चात टीम रायपुर के समीप से गुजरी रिन्द नदी के पास पहुंचे, जहां उन्होंने ऊपरी व निचले स्थान से पानी के नमूने लिए।
इस संबंध में बोर्ड क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि लिए गए सभी नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। दरअसल प्रशासन द्वारा चलाये गए इस अभियान का मकसद सिर्फ यह है कि नदियों से निकलने वाले दूषित पानी का नियंत्रण किया जाए। क्योंकि फैक्ट्रियों का गंदा पानी इन छोटी नदियों में और यही प्रदूषित पानी बड़ी-बड़ी नदियों यमुना में जाकर मिलता है। जिले से गुजरी रिन्द नदी, सेंगर नदी व नोन नदी आदि का पानी यमुना नदी में जाकर मिलता है, जो ऐसी बड़ी नदियों को दूषित कर रहा है।

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