कुलपति ने छात्राओं को पिटवाया
बीएचयू में छात्राओं ने छेड़छाड़ से आजिज आकर आंदोलन शुरू किया। इस दौरान पुलिस ने छात्राओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस दौरान कई छात्राएं घायल हो गई और इस कांड के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक महौल गर्मा गया। कानपुर कोर्ट के वकील प्रियांशु सक्सेना ने घटना से आहत होकर मंगलवार को सीजीएम कोर्ट में परिवाद दायर किया है। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 6 अक्टूबर को इस पर बहस करने की तारीख दे दी है। वकील प्रियांशु ने बताया कि पुलिस का काम जनता की सेवा करना है, न की उसे पीटना। वहीं कुलपति का काम शिक्षण संस्थान को चलाने का है कि वहां राजनीति दलों के कहने पर पुलिस के जरिए छात्रों को पिटवाना।
बीएचयू में छात्राओं ने छेड़छाड़ से आजिज आकर आंदोलन शुरू किया। इस दौरान पुलिस ने छात्राओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस दौरान कई छात्राएं घायल हो गई और इस कांड के बाद लखनऊ से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक महौल गर्मा गया। कानपुर कोर्ट के वकील प्रियांशु सक्सेना ने घटना से आहत होकर मंगलवार को सीजीएम कोर्ट में परिवाद दायर किया है। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 6 अक्टूबर को इस पर बहस करने की तारीख दे दी है। वकील प्रियांशु ने बताया कि पुलिस का काम जनता की सेवा करना है, न की उसे पीटना। वहीं कुलपति का काम शिक्षण संस्थान को चलाने का है कि वहां राजनीति दलों के कहने पर पुलिस के जरिए छात्रों को पिटवाना।
छेड़खानी और जानलेवा हमले का लगाया आरोप
अर्जी में कहा गया है कि कुलपति के आदेश पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं पर थाना लंका वाराणसी पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसलिए कुलपति के खिलाफ छेड़खानी और जानलेवा हमले का परिवाद दर्ज कराया जाए। उसने यह घटना बार एसोसिएशन में आए अखबारों में पढ़ी है। इसलिए मामले का संज्ञान लेने का अधिकार सीएमएम कोर्ट को है। अधिवक्ता का कहना है कि कोर्ट में उसने अपने बयान भी दर्ज करा दिए हैं। अगली सुनवाई के दौरान वो अपना पक्ष जज के सामने रखेंगे और कुलपति को कचहरी में बुलाएंगे।
अर्जी में कहा गया है कि कुलपति के आदेश पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं पर थाना लंका वाराणसी पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसलिए कुलपति के खिलाफ छेड़खानी और जानलेवा हमले का परिवाद दर्ज कराया जाए। उसने यह घटना बार एसोसिएशन में आए अखबारों में पढ़ी है। इसलिए मामले का संज्ञान लेने का अधिकार सीएमएम कोर्ट को है। अधिवक्ता का कहना है कि कोर्ट में उसने अपने बयान भी दर्ज करा दिए हैं। अगली सुनवाई के दौरान वो अपना पक्ष जज के सामने रखेंगे और कुलपति को कचहरी में बुलाएंगे।