इसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार इसके बाद वहां के पुलिस प्रशासन ने परिजनों की रजामंदी के बगैर शव का अंतिम संस्कार कर दिया। आकांक्षा ने कहा कि पीड़ित परिजनों को अपने धर्म व रीति के अनुसार अन्तिम संस्कार करने का संवैधानिक अधिकार है। जिसका पुलिस व प्रशासन ने उल्लंघन किया है। पीड़ित परिवार को न्याय देने की बजाय सबूतों को मिटाने के लिए देर रात पुलिस-प्रशासन ने शव को जला दिया। इन सबके लिए हाथरस के डीएम व पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। हाथरस मामले को लेकर अधिवक्ताओं ने भी मुख्यमंत्री से मांग की है।
अधिवक्ताओं ने यहां किया प्रदर्शन बार व लॉयर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर हाथरस घटना को लेकर प्रदर्शन भी किया। इसमें अधिवक्ताओं ने हाथरस के डीएम, निलंबित एसपी व अन्य दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र एवं सबूत मिटाने का मुकदमा दर्ज करने, घटना की सीबीआई जांच, आरोपियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमे का विचारण कराने एवं पीड़िता के परिवार को 50 लाख मुआवजा सहित एक सदस्य को नौकरी देने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा
है।