कैंपस में ड्रग्स का सिंडिकेट, सौ छात्र गिरफ्त में
आईआईटी-कानपुर कैंपस में बीते दिनों ड्रग्स के कारोबार का खुलासा हुआ है। संस्थान के करीब सौ छात्र ड्रग्स माफिया के जाल में उलझ चुके हैं। ड्रग की लत के शिकार छात्रों की काउंसिलिंग कराने के साथ ही नशे के कारोबार के खिलाफ जिला प्रशासन से आईआईटी प्रबंधन ने मदद मांगी है। बहरहाल, इस खुलासे के बाद आईआईटी प्रबंधन ने कैंपस को नशा मुक्त करने का अभियान छेड़ा है। इसी परिपेक्ष्य में बीते शनिवार को जारी आदेश में आईआईटी-कानपुर के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने तंबाकू, गुटखा, सिगरेट से तौबा करने के लिए कहा है। आदेश में स्पष्ट है कि उपर्युक्त पदार्थों का सेवन ही नहीं दंडनीय नहीं होगा, बल्कि जेब-बैग में मिलने पर भी स त कार्रवाई होगी।
निगरानी के लिए प्रोफेसरो की खुफिया टीम का गठन
तंबाकू, सिगरेट, गुटखा पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश जारी करने के साथ ही प्रभारी निदेशक ने खुफिया निगरानी के लिए प्रोफेसरों की एक टीम का गठन किया है। टीम में शामिल प्रोफेसरों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। प्रभारी निदेशक प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने बताया कि खुफिया टीम को ऐसे लोगों की शिना त करना है, जोकि तंबाकू-सिगरेट के शौकीन हैं। ऐसे लोगों को प्रथम चरण में बुलाकर समझाया जाएगा, बावजूद कैंपस में नशे की आदत नहीं छोड़ी तो स त सजा मिलना तय है। प्रबंधन ने सुरक्षा स्टॉफ के साथ-साथ फैकल्टी और अन्य शिक्षणेतर कर्मचारियों को भी आदेश का अनिवार्य रूप से पालन करने को कहा है।
मेडिकल कालेज में नशेबाजी करने पर होगा निलंबन
आईआईटी प्रबंधन की मुहिम के बाद गणेश शंकर मेडिकल कालेज में भी नशेबाजी के खिलाफ स त नियम लागू कर दिए गए हैं। नए नियमों के मुताबिक, पहली मर्तबा नशे में मिलने पर छात्र को तीन महीने के लिए कालेज और हॉस्टल से निलंबित किया जाएगा। दूसरी बार नशे की स्थिति में पाए जाने पर छात्र को एक साल के लिए क्लास और हॉस्टल से निलंबित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त रात 9 बजे के बाद छात्राओं के हॉस्टल से बाहर निकलने पर प्रतिबंध रहेगा, जबकि छात्रों के मामले में यह अवधि 10 बजे होगी।