बैलगाड़ी से जाते थे विधानसभा
भीतरगांव ब्लॉक के बिरसिंहपुर निवासी स्व पुतिया सिंह के घर में 1907 में बेनीसिंह का जन्म हुआ। वह गणेश शंकर विद्यार्थी और पंडित चन्द्रशेखर के बहुत करीबी थे। वह कांग्रेस के गरम गुट के सदस्य थे और अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया और जेल भी गए। आजादी के बाद बाबू जी मनोनीत सांसद 1948 में चुने गए। इन्हें यूपी का पहला मनोनीत सदस्य बनाया गया। 1952 में यूपी के पहले विधानसभा सदस्य चुने गए। चुनाव जीतने के बाद बेनीसिंह को गांव के जमीदार ने बैलगाड़ी दी, जिससे वो विधानसभा जाया करते थे। इतना ही नहीं ग्रामीणों को बैलगाड़ी में बैठाकर लखनऊ की सैर भी कराते थे।
बैलगाड़ी से करते थे प्रचार
बेनीसिंह तीन बार विधायक और एक बार मंत्री के साथ राजपाल के खाद्य सलाहकार रहे। गांव वाले उन्हें ़बाबू जी के नाम से पुकारते थे। बाबू जी परिवार को कभी राजनीति में नहीं लाए। पूरा परिवार गांव में रहता है और कृषि के अलावा मजूदरी करके अपना गुजर बसर करता है। बेनी सिंह के पौत्र वैभव अवस्थी ने बताया कि 1967 के विधानसभा चुनाव के दौरान वह बैलगाड़ी से प्रचार के लिए निकल जाया करते थे। बैलगाड़ी में उनके साथ पांच छह लोग रहते थे और वह पूरे दिन लोगों से मिलकर वोट मांगते थे।
कार के बजाए नहर लाए
गांव के बुजुर्ग धनीराम शर्मा बताते हैं कि पूर्व सीएम कमलापति बाबू जी को कार खरीदने के लिए पैसे दिए लेकिन उन्होंने लेने से इंकार कर दिया और कहा कि अगर सच में पैसा देना चाहते हैं तो सजेती गांव के लोगों को दें। इस पैसे से गांव में नहर आ सकती है जिससे एक नहीं कई गांवों के किसानों का फाएदा हो सकता है। सीएम के आदेश पर महज दो माह में सजेती के आसपास के गांव तक नहर आ गई। 1976 में हृदयगति रुकने से बाबू जी का निधन हो गया। उनकी शवयात्रा में देश व प्रदेश के कई हस्तियां शामिल हुई थीं।
परिवार को सियासत से रखा दूर
बेनी सिंह वंशवाद के धुर विरोधी थे। उन्होंने अपने जीते जी परिवार को सियासत से दूर रहा। बेनी बाबू के बेटे अनिल अवस्थी बताते हैं कि बाबू जी का 365 दिन में महज कुछ दिन के लिए घर आते थे। चाचा ने हमें पाला और कक्षा आठवीं तक शिक्षा-दिक्षा दिलवाई। अनिल की उम्र 70 के पार है पर वो आज भी अपने बेटों के साथ खेत में जाकर हर की मुठिया पकड़ते हैं। पूरे परिवार का भरण पोषण और मजदूरी के जरिए चलता है। बाबू के पौत्र गांव और कानपुर में दिहाड़ी मजदूरी कर जो कमाते हैं उसी से गुजर-बसर करते हैं।