कांग्रेस को फिर करेगा खड़ा
76 साल पहले अंग्रेजों की बांटो और राज करो की नीति के खिलाफ कांग्रेस ने सेवादल नाम का संगठन खड़ा किया था। इस संगठन के कार्यकर्ता देश भर में जाकर अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ लोगों को एकजुट कर सड़क पर लाकर प्रदर्शन किया था। संगठन अपनी 76वीं वर्षगांठ 9 अगस्त को मनाने जा रहा है। संगठन के लोग देश के 29 राज्यों के बड़े-बड़े शहरों में तिरंगा लेकर निकलेंगे और भाजपा व संघ की पोल खोलेंगे। संगठन के लोग बीजेपी के बजाए कांग्रेस को राष्ट्रवादी के रूप में आवाम के सामने पेश करेंगे। नगर अध्यक्ष हरिप्रकाश अग्निहोत्री ने बताया कि आज फिर से देश को बांटकर राज करने की कोशिश हो रही है और इसके लिए खोखले राष्ट्रवाद के विमर्श का सहारा लिया जा रहा है। ऐसे में हमारे सेवादल संगठन ने तिरंगा मार्च निकालने का फैसला किया है ताकि इनकी (बीजेपी) सच्चाई को बेनकाब किया जा सके।
1923 में रखी गई थी नींंव
हार्डिकर और उनके मित्रों ने नागपुर सेंट्रल जेल में एक ऐसा संगठन बनाने का निश्चय किया जो कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर उनमें फ़ौजी अनुशासन और लड़ने का माद्दा पैदा कर सके। हार्डिकर जेल से बाहर आने के बाद इलाहाबाद जाकर नेहरू जी से मिले और सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले लड़ाका संगठन की स्थापना पर चर्चा हुई। इसके बाद 1923 में कर्नाटक में आयोजित कांग्रेस सम्मेलन में सरोजनी नायडू ने हिंदुस्तानी सेवादल बनाने का प्रस्ताव रखा. इसके पहले चेयरमैन नेहरू बनाए गए। इसी संगठन को बाद में कांग्रेस सेवादल के रूप में जाना गया। कांग्रेस के बेलगाम सम्मेलन (1924) में पहली बार सेवादल को सैनिटेशन और सिक्युरिटी की व्यवस्था का काम दिया गया था। इसी सम्मेलन में महात्मा गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था। तब गांधी जी ने कहा था कि हार्डिकर और उनके संगठन के बग़ैर कांग्रेस का अधिवेशन सफल नहीं हो पाता।
युवा बिग्रेड के हाथों में होगा तिरंगा
सेवा दल से जुड़े रहे प्रमोद जायसवाल ने बताया कि 9 अगस्त के बाद सेवादल की यंग ब्रिगेड काम करना शुरू कर देगी। सेवादल के कार्यकर्ता अब उम्र और अनुभव के आधार पर पांच श्रेणियों सहयोगी, समर्थ, विशारद, राष्ट्ररत्न और तपस्वी के रूप में काम करेंगे। युवा ब्रिगेड पुरानी परंपरा के अनुरूप सफेद पैंट सफेट शर्ट और गांधी टोपी में नहीं बल्कि ब्लू जींस, सफेद शर्ट और कैप में दिखेंगे। हालांकि सेवादल में काम करने वाले पुराने और 45 साल से ऊपर के लोग पुरानी पारंपरिक ड्रेस और गांधी टोपी में ही रहेंगे। सेवादल महात्मा गांधी के समय होने वाले ध्वज वंदन को जनता के बीच लेकर जाएगा। सेवादल हर महीने के अंतिम रविवार को हर जिला-शहर में ध्वज लहराकर राष्ट्र गीत वंदेमातरम और जन गण मन के साथ ध्वज वंदन कार्यक्रम आयोजित करेगा। प्रमोद कहते हैं कि वैचारिक क्रांति के दौर और आएसएस के षडयंत्र से देश को बचाने राष्ट्रनिर्माण, राष्ट्रप्रेम और समाज के प्रति दायित्व को निभाने का काम करेंगे। उनका कहना है कि हम किसी की नकल नहीं कर रहे हैं बल्कि सेवादल में सालों पहले ध्वज वंदन, बौद्धिक और समाज से जुड़ी कई गतिविधियां चलती थीं जिन्हें फिर से शुरू किया जा रहा है।
इंदिरा गांधी के लिए तैयार की थी जमीन
प्रमोद जायसवाल बताते हैं कि कानपुर में सेवा दल की नींव सबसे पहले रखी गई थी। आपातकाल के बाद जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी संकट के दौर से गुजर रही थीं तो इसी संगठन ने जमीन पर उतर कर उनके काम किया। 1977 में इंदिरा गांधी ने फूलबाग में रैली की, जिसमें लाखों की संख्या में लोग मौजूद थे। इसी के बाद पूरे देश में कांग्रेस का डंका बजा और इिंदरा गांधी फिर से प्रधानमंत्री चुनी गई। प्रमोद ने बताया कि तरंगा मार्च निकाले जाने के साथ शहर में किसी एक स्थान पर सभा का भी आयोजन किया जाएगा जहां सेवा दल के पदाधिकारी लोगों को आजादी की लड़ाई, गांधी-नेहरू की विचारधारा और मौजूदा समय में देश के सामने खड़ी चुनौतियों के बारे में बताएंगे। कहा, ‘ चुनाव से पहले जनता को यह मालूम होना चाहिए कि उनको धर्म और जाति के नाम पर बांटा जा रहा है. इसको लेकर हम जनता को जागरूक करेंगे।