कानपुरPublished: Mar 21, 2019 02:31:09 pm
Vinod Nigam
कानपुर समेत प्रदेश में साढ़े तीन लाख युवाओं की खड़ी कर दी फौज, अब घर-घर जाकर बता रहे हैं कांग्रेस की विचारधारा, मतदान के दिन एक्टिव रहेंगे ये जवान।
बीमार कांग्रेस का प्रियंका ने खोजा इलाज, विपक्ष के नेताओं की बढ़ा दी टेंशन
कानपुर। पूरा किला ढहने के बाद ही सही लेकिन, कांग्रेस को लगभग खिसक चुकी जमीन का अहसास हो ही गया। पार्टी के नीति निर्धारक आखिरकार यह मानने को तैयार हो ही गए कि अब बीमार कांग्रेस की सेहत सुधारने का वक्त आ गया है । पछले तीन माह से प्रियंका गांधी यहां के नेताओं के साथ मंथन कर भीतरघात व आपसी मनमुटाव को खत्म करनें के लिए एड़ी चोटी का जोर लगानें के साथ ज्यादा से ज्यादा युवाओं को पार्टी से जोड़े जाने की मुहिम पर्दे के पीछे रहकर चला रही हैं। इसी का परिणाम रहा कि पार्टी की यूथ विंग ने कानपुर में 12 हजार युवाओं को जोड़े जाने का दावा किया है।
फिर से बनीं सरकार
आपातकाल के दौरान पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल था। इंदिरा गांधी की सियासी जमीन पूरी तरह से खिसक चुकी थी। तभी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने तिलकहाॅल में बैठक की। तीन दिन तक चली मैराथन बैठक के बाद कांग्रेसियों ने तय किया कि 1980 के लोकसभा चुनाव से पहले इंदिरा गांधी की पहली रैली फूलबाग में कराई जाए। इंदिरा गांधी कानपुर आई और ऐसा दहाड़ीं की मजदूरों का शहर ही नहीं पूरे देश में पंजे की जबरदस्त जीत हुई। कांग्रेस नगर अघ्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री बताते हैं कि उस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी छह बार कानपुर आई और सभाएं की थीं।
इंदिरा के फार्मूले को आजमा रही प्रियंका
यूपी में कमजोर कांग्रेस में जान फंूकने के लिए जुटी प्रियंका गांधी अपनी दादी की तरह से कानपुर में नजर लगा दी है। उन्होंने पर्दे के पीछे रहकर पिछले तीन माह के दौरान यूपी में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़े जाने का प्लाॅन बनाया। जिसका असर ये रहा कि सूबे के साढ़े तीन लाख युवा कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। इनमं से कानपुर से करीब 12 हजार, लखनऊ से 10 हजार, रायबरेली-अमेठी से 15 हजार युवाओं को जोड़ा गया है। सीतापुर, उन्नाव, कानपुर देहात, कन्नौज, झांसी, ललितपुर आदि जिलों से भी बड़ी संख्या में युवाओं को सदस्यता दिलाई गई है।
यूपी में साढ़े तीन लाख युवा जुड़े
पार्टी इन युवाओं को लोकसभा चुनाव के दौरान बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक की कमेटियों में जगह देगी। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि युवा खुद तो खुश होकर काम करें, साथ ही नए लोगों को पार्टी से जोड़ें। नगर अध्यक्ष ने बताते हैं कि करीब साढ़े तीन लाख युवाओं ने यूथ कांग्रेस की सदस्यता हासिल की है। अब इन्हें बूथों की जिम्मेदारी दी जा रही है। कानपुर नगर, देहात और मिश्रिृत सीट के अधिकतर बूथों तक हम पहुंच चुके हैं। 2019 में कांग्रेस इन तीनों सीटों पर चुनाव जीतने जा रही है। अप्रेल के पहले सप्ताह में प्रियंका गांधी और सिंधिया की रैली होगी।
कांग्रेस की विचारधारा पहुंचाएंगे
कांग्रेस के नेताओं की मानें तो पार्टी का मैनिफेस्टो जारी होते ही ये युवा डोर टू डोर जाएंगे। मोहल्लों, गांवों में युवाओं के साथ चैपाल लगाएंगे। नुक्कड़ सभाओं के जरिए युवाओं के बीच बेरोजगारी, राष्ट्रवादी, अपराध आदि मुद्दों को लेकर चर्चाएं शुरू की जाएंगी। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शंकरदत्त मिश्रा का कहना है कि 1980 के चुनाव का अभियान पार्टी ने कानपुर से ही शुरू किया था। इस बीच जब भी इंदिरा गांधी रायबरेली, उन्नाव या लखनऊ आतीं तो उनकी कोशिश होती थी कि वह कानपुर जरूर आएं। अब प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में आने से पार्टी मजबूत हुई है।