क्या है पूरा मामला
मंत्री स्वाति सिंह का एक आॅडियो सोशल मडिया में वायरल हुआ है। इसमें अंसल डेवलपर्स पर एफआईआर दर्ज कराने को लेकर सीओ कैंट बीनू सिंह से नाराजगी जता रही हैं। उनका कहना था कि फर्जी मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। ऊपर से भी आदेश हैं कि अंसल के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होगा। हाई-प्रोफाइल मामला है। पहले से ही जांच चल रही है। सीएम के संज्ञान में भी है। सीओ ने कहा कि जांच उपरांत ही रिपोर्ट दर्ज की गई है। मंत्री ने कहा कि फर्जी है सब, खत्म करिए मामले को। इसके बाद विरोधी दलों के नेताओं ने योगी सरकार पर जुबानी हमला बोल दिया है।
सरकार के सरंक्षण में माफिया
करिश्मा ठाकुर ने योगी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री, सांसद, विधायकों का सरंक्षण माफियाओं को मिला हुआ है। इसी वजह से यूपी पुलिस को दबाव में काम करना पड़ता है। आएदिन भाजपा के नेता पुलिसकर्मियों के अलावा अलाधिकारियों को धमका कर गैर कानूनी कार्य करने के लिए बाध्य कर रहे हैं। पुलिस डिप्रेशन का शिकार है और आएदिन सुसाइड के मामले सामनें आ रहे हैं। स्वाति सिंह भी एक महिला पुलिस अधिकारी को धमका कर कार्य करवाना चाहती थीं।
तत्काल मंत्री पद से हटाएं
करिश्मा ठाकुर ने कहा कि सुबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अपनी सरकार को पाक-साफ बताते हैं। ऐसे में हमारी मांग है कि पहले मंत्री स्वाति सिंह का इस्तीफा लें और इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच करवाएं। करिश्मा ठाकुर भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि इनके मंत्री व नेता जनता के पैसे का बंदरबांट कर रहे हैं। जमीन पर विकास कार्य कोसों दूर है। शुक्रवार को बिल्हौर की कुछ महिलाएं मुख्यमंत्री से मिलने के लिए कानपुर आई थीं, जिन्हें पुलिस ने कार्यक्रम स्थल पर जाने से रोक दिया।
पुलिस, वकील और पब्लिक
करिश्मा ठाकुर ने कहा कि दिल्ली से लेकर कानपुर में पुलिस और वकीलों के बीच लड़ाई हो रही है, तो वहीं पत्रकार, महिलाएं व बच्चियां अपने आपको असुरक्षित महसूस करती हैं। प्रदेश में महिलाओं के साथ उत्पीड़न के मामले में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया ने जिले को जकड़ा हुआ है। बावजूद स्वास्थ्य महकमा आंख बंद किए हुए बैठा है। जो सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाता है।
भर रहे तिजोरी
करिश्मा ठाकुर ने बताया कि कानपुर जिले के अधिकतर गांवों में अभी महिलाएं खुले में शौंच कर रही हैं। जबकि कागजों में ये जिला ओडीएफ मुक्त घोषित कर दिया गया है। भाजपा सांसदों के गोद लिए गांव की हालत बदहाल है। करिश्मा ठाकुर का आरोप है कि गांव के विकास के लिए आने वाले राशि का ग्रामप्रधान, ग्रामसचिव और भाजपा के नेता बांटकर अपनी तिजोरी भर रहे हैं। हमारी प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग है कि कानपुर जिले के गांवों के लिए आए पैसे की जांच कराएं।