पनकी के हनुमान मंदिर के महंत ब्रह्मलीन महंत बाबा रमाकांत दास के बाद अब उनकी कुर्सी को लेकर लड़ाई छिड़ी हुई है। महंत पद पर दावा करने वाले दो लोगों में एक श्रीकृष्ण दास मंदिर के मंहत के शिष्य रहे और बताया जाता है कि खुद महंत जी ने ही श्रीकृष्ण दास को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। दूसरी ओर दावा करने वाले है बालक दास। वे भी महंत रमाकांत दास के शिष्य है और इसी कारण वे महंत पद पर अपना दावा कर रहे हैं।
संतों ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत बाबा रमाकांत दास ने श्रीकृष्ण दास को उत्तराधिकारी घोषित किया था। मंदिर में गुरु शिष्य परंपरा के तहत ही महंत की तैनाती होती है। महामंडलेश्वर डॉ. विनय स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के नेतृत्व में संतों ने डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी से मुलाकात की और उन्हेंं ज्ञापन सौंपा। जिसमें 23 मई को आयोजित पट्टाभिषेक के कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था के पर्याप्त इंतजाम की मांग की। इस दौरान स्वामी मुनिशाश्रम जी महाराज, महंत रमेश पुरी, उदितानंद महाराज, जितेंदिया स्वामी, स्वामी अरुणपुरी चैतन्य, स्वामी प्रकाशानंद महाराज व भगवान परशुराम सर्व कल्याण सेवा समिति के महामंत्री शेष नारायण त्रिवेदी उपस्थित रहे।डीएम ने एडीएम सिटी विवेक श्रीवास्तव को मंदिर में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए कहा है।
दूसरे दावेदार बालक दास का कहना है कि मंदिर में गृहस्थ को महंत बनने का अधिकार नहीं है। वह महंत रमाकांत दास के वे शिष्य हैं, इसलिए उन्हेंं महंत बनने का अधिकार है। अखाड़ा के प्रधानमंत्री वैष्णवदास ने इसीलिए उन्हेंं महंत घोषित किया है। श्रीराम जन्मभूमि न्यास ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास जी ने भी उनके पक्ष में पत्र जारी किया है।