कानपुर

आईआईटी और एसपीजीआई के इस अस्त्र को नहीं भेद पाएगा ‘कोरोना’

दोनों संस्थानों ने मिलकर तैयार किया प्रोटोटाइप नाम की डिवाइस, इसके जरिए कोरोना के संक्रमण से बचेंगे योद्धा।

कानपुरApr 18, 2020 / 12:40 am

Vinod Nigam

आईआईटी और एसपीजीआई के इस अस्त्र को नहीं भेद पाएगा ‘कोरोना’

कानपुर। कोरोना वायरस के चलते पूरी दुनिया दहशत में है। बड़े-बडे देश इस वायरस के सामनें सरेंडर कर चुके हैं तो वहीं इस खतरनाक किलर को हराने के लिए भारत के डाॅक्टर, साइंटिस्ट, शिक्षण संस्थान, सरकारी व प्राईवेट संगठन जमीन पर डटे हैं। इसी कड़ी में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर और लखनऊ के संजयगांधी (SPGI) के डाॅक्टरों ने कोरोना योद्धाओं को संक्रमण से बचाने के लिए पॉजिटिव प्रेशर रेस्पिरेटर सिस्टम डिवाइस ( प्रोटोटाइप) बनाया है, जो एन 95 मास्क से बेहतर काम करता है।

कोरोना के संक्रमण से बचाएगा
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर नचिकेता ने बताया कि यह डिवाइस श्वांस को जरिए फेफड़े में वायरस पहुंचने की सम्भावना को शत-प्रतिशत खत्म कर देता है। प्रोफेसर के मुताबिक प्रोटोटाइप को हमनें लखनऊ के संजय गांधी की मदद से तैयार किया है। प्रोफेसर ने बताया कि लोकल मैन पावर और बिना काम्पलीकेटेड मशीन के जरिए प्रोटोटाइप को आसानी से बनाया जा सकता है। डाॅक्टर, पैरामेडिकल स्टाॅप, पुलिसकर्मी और सफाईकर्मी इस प्रोटोटाइप के जरिए कोरोना के संक्रमण से बचेंगे।

इस तरह से करता है कार्य
प्रोफेसर नचिकेता ने बताया कि डिवाइस में 2 वॉल्व लगाए गए हैं। जिसमें एक से हवा अंदर जाती है तो दूसरे से छोड़ी गयी हवा बाहर आती है। जिसके लिए अस्पताल में मौजूद ऑक्सीजन के सिलेंडर या फिर हवा की बोतल का इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रोफेसर के मुताबिक, एन-95 मास्क का इस्तेमाल करते समय भी 5 प्रतिशत वायरस के श्वास नली के जरिए अंदर जाने की संभावना बनी रहती है। ऐसे में डाॅक्टरों के अलावा अन्य कोरोना योद्धाओं के लिए ये डिवाइस कारगर हथियार साबित होगी।

संक्रमण फैलने की संभावना खत्म
प्रोफेसर की मानें तो इस डिवाइस के इस्तेमाल से फेफड़े में वायरस जाने की संभावना 99 से 100 प्रतिशत तक खत्म हो जाती है। इसकी लागत भी बहुत कम है और जल्द ही हम सरकार की मदद से इसके निर्माण के लिए जल्द ही दवा बनाने वाली कंपनियों से संपर्क करेंगे। प्रोेफेसर ने कहा कि कोविड-19 मरीजों को बचाने के लिए हमारे डाॅक्टर पिछले 20 मार्च से डटे हैं। ऐसे कई डाॅक्टर व अन्य कर्मी हैं जो घर नहीं जा पाए। अब इसको पहनकर वह मरीजों का इलाज करेंगे और अपने को भी संक्रमण से बचाएंगे।

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