लॉकडाउन के सात दिन बाद भी कानपुर में कोई दूसरा मरीज न मिलने से लोग निश्चित थे और अब उनमें दहशत है। एक ही दिन में छह लोगों के संक्रमित पाए जाने से मची खलबली के बीच प्रशासन ने जमात का संक्रमण रोकने के लिए नगर के चार और ग्रामीण क्षेत्र के दो इलाकों में रेड जोन का बैरियर लगा दिया है। इन जगहों पर लोगों की आवाजाही रोक दी गई है।
कानपुर में संक्रमित मिले जमाती जिन-जिन मस्जिदों में गए थे, उनकी ट्रैकिंग के बाद संपर्क में आए लोग चिह्नित किए जा रहे है। हुमांयू मस्जिद में जमातियों से मिले 20 लोगों को चिह्नित किया गया है। जमातियों की ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर शहरी क्षेत्र के चार और ग्रामीण क्षेत्र के दो इलाके रेड जोन घोषित कर बेरीकेटिंग कर दी गई। लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पीएसी लगाई गई है।
संक्रमित बताए गए छह जमाती दो अलग-अलग जमात के हैं। दो संक्रमित अफगानी उस जमात से हैं जिसके आठ विदेशी सदस्य 14 मार्च और तीन भारतीय 18 मार्च को चमनगंज की हलीम प्राइमरी वाली मस्जिद मे ठहरे थे। दो-तीन दिन रुकने के बाद सभी कर्नलगंज की हुमायूं मस्जिद गए और नौबस्ता की खैर मस्जिद होते हुए बाबूपुरवा की सुफ्फा मस्जिद पहुंचे। दूसरी जमात घाटमपुर और सजेती की बरीपाल स्थित बड़ी मस्जिद में ठहरी थी। यही दल कानपुर देहात के गजनेर और कैंथा में भी धर्म प्रचार के लिए गया और तीन दिन रुका।
कोरोना से संक्रमित जमाती चमनगंज में हलीम प्राझमरी वाली मस्जिद, कर्नलगंज में हुमायूं मस्जिद, नौबस्ता में खैर मस्जिद, बाबूपुरवा में सुफ्फा मस्जिद, सजेती में बरीबाल स्थित बड़ी मस्जिद, घाटमपुर की मस्जिद में रुके थे। इसलिए जिन-जिन इलाकों में ये मस्जिदें हैं, उन क्षेत्रों को सील किया जा चुका है।
सभी मस्जिद की एक-एक किमी परिधि में बेरीकेडिंग लगाकर आने-जाने वालों पर पाबंदी लगाई जाएगी। सभी मस्जिदों और आसपास के इलाके को सैनिटाइज़ किया जाएगा। चमनगंज की हलीम प्राइमरी मस्जिद सैनिटाइज की गई है और मस्जिदों में आने-जाने वालों का पता लगाकर सभी का चेकअप होगा। लक्षण मिलने पर कोरोना वायरस की जांच कराई जाएगी। जमातियों से मिलने बाले ऐसे लोगों को तलाशा जाएगा, जिनका सामाजिक दायरा बड़ा है। इन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा।