तरबूज की बंपर पैदावार पर लाॅकडाउन के चलते खेत में सड़ रही फसल
गंगा के किनारे हरवर्ष सैकड़ों किसान तरबूज और सब्जियों की फसल उगाते हैं, पर लाॅकडाउन के कारण उनकी मेहनत पर फिर रहा पानी, सरकार से लगाई मदद की गुहार
कानपुर। कोरोना वायरस के चलते देशभर में 3 मई तक लाकडाउन चल रहा है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा गंगा के किनारे बसा अन्नदाता भुगत रहा है। किसानों ने बैंक से पैसे लेकर गंगा के किनारे तरबूज, खरबूजा व अन्य सब्जियों की खेती तैयार की। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष फसल अच्छी थी। पर लाॅकडाउन के कारण खरीदार नहीं आने से तरबूज खेतों में बर्बाद हो रहे हैं। यदि किसान इन्हें मंडी पर ले भी जाते हैं तो वहां व्यापारी पैसे नहीं होने का बहाना बता खरीदने से इंकार कर रहे हैं।
रोटी का संकट
लाॅकडाउन का सबसे ज्यादा असर किसानों पर पड़ रहा है। किसानों की सब्जियां कटकर खेतों में तैयार है, लेकिन निर्यात नहीं होने से सब्जी सड़ने को मजबूर है। जिसके चलते किसानों के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया है। रामाअसरे ने बताया कि पांच बीघा जमीन में तरबूज की फसल पूर्ण बहार पर है, लेकिन बाजार तक नहीं पहुंच पाई। इस कारण लगभग एक लाख रुपये का नुकसान हुआ। यहीं के रोशनलाल ने बताया कि लगभग 25 हजार खर्च कर एक बीघा में कद्दू, लौकी की फसल लगाई थी। दो दिन तक चकरपुर मंडी के अलावा रावतपुर लेकर गए। वहां पर व्यापारी नहीं मिले। पुलिसवालों ने लाॅकडाउन बता डंडो से पिटाई कर घर वापस भेज दिया। हमनें पूरी फसल को मवेशियों के सामने डाल दिया।
बैंक से लिया कर्जा
किसान नन्दू मल्लाह ने बताया कि इस वर्ष हमनें आठ बीघा तरबूज की फसल उगाई थी। बैंक से 50 हजार का कर्जा लिया। पूरा परिवार पिछले दो माह से तरबूज की फसल को तैयार करने के लिए खेतों में डटा रहा। बारिश और ओले से हमने फसल को बचाया। फसल पूरी तरह से तैयार है। एक-एक तरबूज आठ से दस किलो का है। मार्च में लाॅकडाउन होने के कारण फसल बाजार में नहीं जा सकी और खेतों में सड़ रही हैं। नन्दू ने प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वह तरबूज की फसल की खरीदारी के लिए प्रशासन को आदेश दें।
दिल में ख्वाब सजाए थे
शिवरातन कहते हैं कि सैकड़ों किसानों ने इस वर्ष अच्छा मुनाफा कमाने के दिल में ख्वाब सजाए थे। पैदावार इस बार अच्छी हुई है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते उनका सब कुछ खत्म होने लगा है। खेतों में लगे सब्जियों के ढेर और खराब होती सब्जियों की पैदावार के चलते किसानों की आंखों से आंसू बहने लगे हैं। बताते हैं सैकड़ों किसान अपनी सब्जी की पैदावार को यूपी के अलावा देश के दूसरे राज्यों की मंडियों में निर्यात करते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण फसल खेतों की रौनक बढ़ा रही है।
बंपर पैदावार
किसान रामअसरे ने बताया कि इस बार बंपर पैदावार हुई है लेकिन कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते सब्जियों को खेतों से अन्य मंडियों में ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था नहीं है। जैसे तैसे किसी पिकअप को तैयार करते है तो जगह-जगह पुलिसकर्मी परेशान करते है और खाली पिकअप गाडियों को तो वापस आने में भी भारी परेशानी होती है। ऐसे में एसडीएम बिल्हौर के यहां सभी किसानों ने मिलकर गुहार लगाई है लेकिन कोई सफलता नहीं मिल सकी है। किसानों का कहना है कि यदि जल्द सरकार ने तरबूज की खरीदारी नहीं करवाई तो सैकड़ों किसान भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे।
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