खुद के पैसे से खरीदा
व्यापारी मिस्टर टंडन ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति दवा खा कर अपनी बॉडी का टेंपरेचर सामान्य कर ले फिर भी इंफ्रारेड स्केनर मशीन कोविड-19 के लक्षणों को पकड़ लेगी। जिससे स्वास्थ विभाग को कोरोना के मरीज पहचानने में काफी ज्यादा आसानी हो जाएगी। व्यापारी ने बताया कि इसकी कीमत सात लाख रूपए है और खुद के पैसे से इसे खरीदकर स्वास्थ्य विभाग को दिया है।
डीएम ने कहा शुक्रिया
डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी ने व्यापारी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अभी तक कानपुर में ऐसी कोई मशीन उपलब्ध नहीं थी हम मिस्टर टंडन का धन्यवाद करते हैं। इसके जरिए अब कोरोना मरीजों की पहचान हो सकेगी। सीएमओ ने बताया कि मशीन के जरिए कई लोगों की जांच की। मशीन बहुत कारगर है और जल्द ही हम शासन को पत्र लिखकर ऐसी और मशीनों की व्यवस्था कराए जाने की मांग करेंगे।
इसके जरिए हो रही जांच
प्रदेश के अधिकांश जिलों में थर्मल स्क्रीनिंग के जरिए कोरोना वायरस से संक्रमित शख्स की पहचान की जा रही है। थर्मल स्कैनर की कीमत 3 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक है। थर्मल स्कैनर (थर्मल गन) ऐसा उपकरण है, जिसके जरिए कोरोना वायरस या फिर किसी और रोग से ग्रसित व्यक्ति की पहचान की जा सकती है। एक्सपर्ट के मुताबिक थर्मल स्कैनर एक हेल्दी व्यक्ति और विषाणु से ग्रस्त व्यक्तियों में अंतर बताता है। इस स्कैनर की खासियत यह है कि इससे निकलने वाली तरंगों का मानव शरीर पर कोई बुरा असर या नुकसान नहीं होता। लेकिन, इसका इस्तेमाल विशेषज्ञ की देखरख में ही करनी चाहिए।