दरअसल मद्रास निवासी राम लक्ष्मी श्री ने जेईई एडवांस 2018 आयोजक आईआईटी कानपुर पर गलत नियम के तहत न्यूमेरिकल के जवाब पर मार्क्स देने का आरोप लगाया है. मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पहुंचे छात्रा ने कहा था कि चूंकि इस बार जेईई एडवांस के हर पेपर में करीब 50 फीसदी सवालों में तीन दशमलव अंकों तक गणना करनी पड़ी फिर उसके करीब राउंड ऑफ किया और दो सही दशमलव स्थानों तक आंसर निकालना पड़ा. इस तरह से हर एक सवाल पर छात्र को ज्यादा समय खराब करना पड़ा.
एस लक्ष्मी श्री का कहना है कि आईआईटी ने पूर्व में जारी निर्देश में कहा था कि न्यूमेरिकल के सवालों का जवाब दशमलव के साथ दो अंकों में जैसे 6.25, 7.00, 0.33, 30.27 दें. लेकिन परीक्षा के बाद अपने ही बनाए नियम को बदलते हुए कह दिया कि जिन्होंने 7.00 को 7 भी लिख दिया है उनका उत्तर भी सही होगा, ऐसे में बड़ी संख्या में छात्रों का नुकसान हुआ है.
आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपलआईटी, जीएफटीआई जैसे संस्थानों में दाखिले के लिए जोसा की तरफ से दो राउंड की काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है. तीसरे राउंड की काउंसिलिंग के लिए शुक्रवार को ही सीट अलॉटमेंट सूची जारी होनी थी, लेकिन इसके पहले ही आईआईटी प्रशासन ने काउंसिलिंग प्रक्रिया पर रोक लगा दी.
इस मामले में एक याचिका गुजरात हाईकोर्ट में भी दायर है. इसकी सुनवाई 13 जुलाई को होनी है. आईआईटी प्रशासन इस प्रयास में लगा है कि इस पर मजबूती से अपना पक्ष रख सकें ताकि कोर्ट उनके पक्ष में फैसला सुनाए.
विशेषज्ञों की मानें तो अगर मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के अनुरूप छात्रों की रैंकिंग बदली गई तो पूरी काउंसिलिंग का खेल बिगड़ जाएगा. अभी तक जिन छात्रों को रैंक के आधार पर ब्रांच आवंटित हुए हैं, उसमें बदलाव हो जाएंगे. जानकारों के मुताबिक अगर सही समय पर कोर्ट का फैसला नहीं आया तो जोसा के जरिए होने वाली काउंसिलिंग में शामिल आईआईटी, एनआईटी जैसे सभी संस्थानों का सत्र प्रभावित हो जाएगा. तय समय पर क्लास नहीं चल पाएंगी.