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विश्वविद्यालय की गलती से हजारों छात्रों के भविष्य पर आया संकट

locationकानपुरPublished: Aug 15, 2019 12:01:35 pm

परीक्षाओं और रिजल्ट की देरी से एमएड में छात्रों को नहीं मिला प्रवेश बिना प्रवेश परीक्षा के विवि ने सीधे दाखिला देने से किया इंकार

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विश्वविद्यालय की गलती से हजारों छात्रों के भविष्य पर आया संकट

कानपुर। कई महाविद्यालयों में एमएड की सीटें खाली होने पर भी छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध हजारों छात्र इस साल एमएड में एडमिशन नहीं ले पाएंगे। विश्वविद्यालय की गलती से हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। सीएसजेएमयू से संबद्ध महाविद्यालयों से बीएड करने वाले छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन की भूल का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
लेटलतीफी बनी वजह
अपने भविष्य पर आए संकट के लिए छात्रों ने सीधे-सीधे विश्वविद्यालय प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय ने उनकी परीक्षाएं कराई और परिणाम भी देर से जारी किया गया। इसके चलते उनका एक साल बर्बाद हो रहा है। जून में हुई एमएड प्रवेश परीक्षा में छात्र इसलिए नहीं बैठ पाए क्योंकि रिजल्ट ही परीक्षा बीत जाने के बाद जारी किया गया।
सीधे दाखिला भी नहीं मिला
गलती करने के बावजूद सीएसजेएमयू छात्रों को किसी प्रकार की राहत देने के लिए तैयार है। विवि की गलती से रिजल्ट लेट हुआ तो छात्र प्रवेश परीक्षा नहीं दे सके। ऐसे में छात्रों ने सीधे दाखिले की मांग की तो उसे भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने सिरे से खारिज कर दिया। तर्क दिया कि एमएड में वही छात्र दाखिला ले सकता है जिसने प्रवेश परीक्षा दी हो। ऐसे में इन छात्रों को इस बार एडमिशन नहीं दिया जा सकता है।
नियम का दिया हवाला
इस मामले पर रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के अध्यादेश में यह स्पष्ट है कि कोई भी अपीयरिंग छात्र एमएड की प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता। छात्र मांग कर रहे हैं कि इस नियम को बदला जाए। इस पर विचार करके आगे कोई फैसला लिया जाएगा। फिलहाल पूर्व नियम के तहत ही कार्य होंगे।

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