कानपुर

कुपोषण दूर करने वाला गेहूं उगाएगा सीएसए

नई प्रजाति में भरपूर मात्रा में होगा जिंक और आयरन आयरन, कैल्शियम सहित कई सूक्ष्म तत्व भी होंगे मौजूद

कानपुरApr 12, 2019 / 12:41 pm

आलोक पाण्डेय

कुपोषण दूर करने वाला गेहूं उगाएगा सीएसए

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक गेहूं की अनोखी प्रजाति को विकसित करने में जुटे हुए हैं। यह ऐसी प्रजाति होगी, जो कुपोषण दूर करने में मददगार साबित होगी। इस गेहूं से खून की कमी और कुपोषण से निजात मिलेगी। फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) की पहल पर यह शोध किया जा रहा है।

दवाइयों का काम करेगा गेहूं
अब एनीमिया और कुपोषण से निजात पाने के लिए अब आयरन और जिंक की दवा खाने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए बस गेहूं की रोटी खाएं और ऐसी दिक्कतों से छुटकारा पाएं। इसमें न सिर्फ भरपूर आयरन बल्कि कैल्शियम, मैगनीज, मैग्नीशियम समेत कई सूक्ष्म तत्व अधिक मात्रा में मिलेंगे।
आयरन और जिंक की कमी
वैज्ञानिक प्रो. विजय कुमार यादव के मुताबिक कुपोषण देश की नहीं बल्कि विश्व के विकासशील देशों की भी समस्या है। इससे सबसे ज्यादा महिलाएं, बच्चे प्रभावित हैं। फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) भी इस पर चिंतित है। आयरन और जिंक की कमी भारत ही नहीं पूरे विश्व में है। यह सबसे आम पोषक तत्वों में से एक है।
पोषक तत्वों की जरूरत
आयरन और जिंक की शरीर में बेहद जरूरत होती है। आयरन और जिंक खून में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने का काम करता है, इससे कोशिकाओं में ऑक्सीजन का बेहतर संचार होता है। मांसपेशियां मजबूत होने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
बेहतर गेहूं से सुधरेगी सेहत
सीएसए यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि अनाज में सबसे अधिक खपत गेहूं की है। लोग इसे विभिन्न प्रोडक्ट के रूप में खा रहे हैं। इसलिए गेहूं को ही बेहतर बना दिया जाए तो सेहत ही खराब नहीं होगी। इसलिए वैज्ञानिक गेहूं की अनोखी प्रजाति को विकसित करने में जुटे हुए हैं। उनका मानना है कि नियमित डाइट में आयरन और जिंक समेत सूक्ष्म तत्वों की मात्रा बढ़ा दी जाए तो कुपोषण और एनीमिया (खून की कमी) से जंग जीती जा सकती है।
 

 

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