विवि ने प्रबंधकों के पाले में फेंकी गेंद
अधूरे रिजल्ट के मामले में तूल पकड़ा तो इससे पीछा छुड़ाते हुए विवि ने इसके लिए महाविद्यालयों को जिम्मेदार ठहरा दिया है। परीक्षा विभाग के अधिकारियों ने कुलपति के समक्ष हुई बैठक में रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ.अनिल कुमार यादव और डिप्टी रजिस्ट्रार परीक्षा एसएल पाल ने बताया कि जिन कॉलेजों से प्रयोगात्मक परीक्षा की अंकतालिकाएं नहीं आयी हैं उनका रिजल्ट रोकना पड़ा।
अधूरे रिजल्ट के मामले में तूल पकड़ा तो इससे पीछा छुड़ाते हुए विवि ने इसके लिए महाविद्यालयों को जिम्मेदार ठहरा दिया है। परीक्षा विभाग के अधिकारियों ने कुलपति के समक्ष हुई बैठक में रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ.अनिल कुमार यादव और डिप्टी रजिस्ट्रार परीक्षा एसएल पाल ने बताया कि जिन कॉलेजों से प्रयोगात्मक परीक्षा की अंकतालिकाएं नहीं आयी हैं उनका रिजल्ट रोकना पड़ा।
प्रबंधकों ने बताया, झूठ बोल रहे अफसर
विवि के अधिकारियों की इस बात को झूठ बताते हुए प्रबंधकों का कहना है कि अंकतालिकाएं समय से विवि को भेज दी गई थीं। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कुलपति व परीक्षा नियंत्रक को पत्र लिखकर बताया कि विश्व विद्यालय के अधिकारी झूठ बोलकर जिम्मेदारी दूसरों पर डाल रहे हैं।
विवि के अधिकारियों की इस बात को झूठ बताते हुए प्रबंधकों का कहना है कि अंकतालिकाएं समय से विवि को भेज दी गई थीं। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कुलपति व परीक्षा नियंत्रक को पत्र लिखकर बताया कि विश्व विद्यालय के अधिकारी झूठ बोलकर जिम्मेदारी दूसरों पर डाल रहे हैं।
अधूरे रिजल्ट से अधर में छात्र
महाविद्यालयों के प्रबंधक और विश्वविद्यालय के अधिकारी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में जुटे हैं, पर उन छात्रों के बारे में कोई नहीं सोच रहा है, जिनके भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। रिजल्ट घोषित न होने से छात्रों के लिए आगे की राह बंद हो गई है। पूछे जाने पर उन्हें कोई सही जवाब नहीं मिल रहा है। विश्वविद्यालय आने पर उन्हें प्रबंधकों के पास जाने को कहा जाता है और प्रबंधक कहते हैं कि यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट रोक रखा है।
महाविद्यालयों के प्रबंधक और विश्वविद्यालय के अधिकारी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में जुटे हैं, पर उन छात्रों के बारे में कोई नहीं सोच रहा है, जिनके भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। रिजल्ट घोषित न होने से छात्रों के लिए आगे की राह बंद हो गई है। पूछे जाने पर उन्हें कोई सही जवाब नहीं मिल रहा है। विश्वविद्यालय आने पर उन्हें प्रबंधकों के पास जाने को कहा जाता है और प्रबंधक कहते हैं कि यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट रोक रखा है।