मरीज ने राजावत हॉस्पिटल पर लगाये ये आरोप बताते चलें कि जनपद कन्नौज के नादेमऊ चौहलापुर गांव निवासी मोतीलाल उर्फ चपन्ना का दुर्घटना में पैर फ्रैक्चर होने से वे घायल हो गए थे। इसके चलते उन्होंने बीती 20 जनवरी को अकबरपुर के माती रोड स्थित राजावत अस्पताल में पैर फ्रैक्चर का आयुष्मान योजना से उपचार कराया। इसके बाद भौतिक परीक्षण करने आए आईएसए मेसर्स एमडी इंडिया हेल्थ इंश्योरेंस टीपीए प्रा.लि. के अधिकारियों ने जब आयुष्मान लाभार्थी से जानकारी की तो मोतीलाल ने राजावत अस्पताल पर इलाज के दौरान अवैध तरीके से प्लेट को 18400 रुपये तथा खून के लिए 15200 रुपये लेने की शिकायत की। इस पर स्टेट एजेंसी साचीज की सीईओ संगीता सिंह ने अस्पताल को नोटिस जारी किया है।
आयुष्मान कर्मियों ने कुछ यूं बयां किया आयुष्मान कर्मियों की मानें तो राजावत अस्पताल में पूर्व में जनपद हमीरपुर निवासी बाबूलाल को खून की कमी पर भर्ती होने के बाद जनरल स्टाफ ने केस फाइल के लिए रुपये ऐंठे गए। बाद में आयुष्मान मित्र के हस्तक्षेप पर लिए गए रुपये वापस कराये गए। लोगों के मुताबिक जिले में आयुष्मान संबंधी अस्पतालों की शिकायतों के निस्तारण में एजेंसी तथा स्वास्थ अधिकारियों का ढुलमुल रवैया है। दरअसल अवैध उगाही की शिकायतों पर सिर्फ रुपये वापस कराकर लाभार्थी का मुंह बंद करा दिया जाता है। इससे अस्पताल संचालकों के हौसले बुलंद रहते हैं। आईएसए एजेंसी के जिला समन्वयक मुबीन खान ने बताया कि अवैध उगाही पर लाभार्थी को रुपये वापस कराया जाता है। कार्रवाई राज्य स्तर से होती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हीरा सिंह ने बताया कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत भर्ती होने वाले मरीजों से उगाही के बावत राजावत अस्पताल की पहले भी शिकायतें मिल चुकी हैं। स्टेट से नोटिस जारी होने के बाद जवाब देने में सात दिन का समय दिया गया है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।