ट्रैफिक कांस्टेबल मुकेश कुमार से चार जनवरी की शाम गलती से फोन-पे एप के जरिए करीब 50 हजार रुपये किसी अन्य व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर हो गए थे। इस पर उन्होंने गूगल पर फोन-पे का कस्टमर केयर का नंबर ढूंढकर कॉल की तो दूसरी तरफ से एक व्यक्ति ने फोन-पे का कर्मचारी बताकर बात की। उसके बताने के अनुसार मोबाइल फोन में एनी डेस्क एप डाउनलोड कराया। इसके बाद कई बार में मुकेश के खाते से 2.25 लाख रुपये निकल गए। खाते से पैसे कटते ही उन्हें एहसास हुआ। मुकेश ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा लिखाया था।
हरकत में आई पुलिस ने पैसा ट्रांसफर किये गए खातेदारों के नाम, पते का ब्योरा निकाला और नोटिस भेजा। इसके बाद झारखंड के देवघर जिले के सरवा थानाक्षेत्र के कोड़ाडीह गांव निवासी कार्तिक मंडल व उसके बेटे अजय मंडल ने शहर आकर बयान दर्ज कराया। थाना प्रभारी जगदीश यादव ने बताया कि आरोपित पिता-पुत्र के खातों में मुकेश के खाते से करीब 40 हजार रुपये जमा हुए थे। यह रकम आरोपितों से बरामद कर ली गई है। मुकदमे की धारा में सात वर्ष से कम सजा होने के कारण गिरफ्तारी नहीं हुई। दोनों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया गया है। बाकी जिन लोगों के खातों में रकम जमा हुई थी, उनकी तलाश जारी है।