इस समय हर कोई कोरोना से बचाव के तरीके खोज रहा है। साइबर ठग मोबाइन पर – सावधान! कोरोना वायरस से बचाव और उसके बारे में जानकारी- का झांसा देकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। वह सोशल साइट पर लिंक भेज रहे हैं, जिन्हें ओपन करते ही लोगों का पर्सनल डाटा चोरी हो जाता है। साइबर एक्सपर्ट सचिन गुप्ता बताते हैं कि जागरूकता संदेशों के साथ आए किसी भी लिंक को खोलना खतरनाक हो सकता है। मोबाइल फोन से बैंकिंग और ऑनलाइन शॉपिंग जैसे तमाम कार्य होते हैं, इसलिए मोबाइल हैक होते ही पूरा डाटा साइबर अपराधियों तक पहुंच सकता है।
लोगों को फंसाने के लिए साइबर ठग खुद को अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन या किसी स्वास्थ्य एजेंसी का कर्मचारी बताते हैं। ई-मेल में लिखा होता है कि एजेंसी ने नोवल कोरोना की घटनाएं रोकने के लिए मैनेजमेंट सिस्टम बनाया है। लिस्ट अपडेट करने के नाम पर लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है। साइबर अपराधी मोबाइल व कंप्यूटर हैक करने के साथ ही सर्वर का डाटा भी चोरी कर डाटा रीस्टोर करने के नाम पर बिटक्वाइन मांग रहे हैं। मुंबई में ऐसा एक केस सामने आया है। डेढ़ वर्ष पूर्व ग्र्रीन पार्क के पास स्थित एक रीयल एस्टेट कंपनी का डाटा हैक करने के बाद भी अपराधियों ने बिटक्वाइन में रंगदारी मांगी थी। अब तक उन अपराधियों का पता नहीं लग सका है।